पीएमजीएसवाई योजना के तहत बने सड़कों का होगा सघन निरीक्षण, उप मुख्यमंत्री ने दिए गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश

लखनऊ

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अंतर्गत बन रहे सड़क निर्माण कार्यों की नियमित व स्थलीय निरीक्षण के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों की वास्तविक स्थिति को मौके पर जाकर ही परखा जा सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी निर्माण कार्य न केवल मानकों के अनुरूप हों, बल्कि उनकी गुणवत्ता भी उच्चतम स्तर की सुनिश्चित होनी चाहिए। उप मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में उत्तर प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण (यूपीआरआरडीए) द्वारा कार्यों की विशेष निगरानी की जा रही है। साथ ही, पीएमजीएसवाई के तहत सड़कों के रिन्यूवल कार्यों में आधुनिक तकनीकों का प्रयोग भी किया जा रहा है, जिससे न केवल सड़कों की मजबूती बढ़े, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी सार्थक योगदान हो सके।

सड़कों के निर्माण में कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी क्रम में सोमवार को लखनऊ जनपद में स्वीकृत मार्ग पैकेज संख्या यूपी-4687 (माल-इटौंजा-कुर्सी रोड से लालपुर तक 11.200 किमी लंबाई) पर 30 मिमी मोटाई के MSS+ तकनीक से किए जा रहे रिन्यूवल कार्य का निरीक्षण किया गया। यह निरीक्षण यूपीआरआरडीए के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अखण्ड प्रताप सिंह द्वारा किया गया। उनके साथ मुख्य अभियंता बृजेश कुमार दुबे, राज्य गुणवत्ता समन्वयक देवेंद्र सिंह, राज्य तकनीकी अधिकारी डी.डी. पाठक एवं यंग सिविल इंजीनियर्स की टीम उपस्थित रही। निरीक्षण के दौरान लगभग 2 किमी कार्य पूर्ण पाया गया।

मार्ग की गुणवत्ता व मोटाई का परीक्षण किया गया जो संतोषजनक रहा। MSS+ तकनीक का प्रदर्शन भी मानक के अनुरूप रहा। मौके पर उपस्थित ठेकेदार फर्म मेसर्स अवध कंस्ट्रक्शन के प्रतिनिधि मो.अली आब्दी और परियोजना इकाई के अधिशासी अभियंता संजीव भीमराव सहित अन्य अभियंताओं को उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, मार्ग से जुड़े अन्य संपर्क मार्गों पर बेहतर जंक्शन सुधार के लिए भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।

गौरतलब है कि भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के पोस्ट डीएलपी (Defect Liability Period) अवधि के मार्गों पर सर्फेसिंग कार्य हेतु प्रोत्साहन राशि (इन्सेन्टिव मनी) के तहत 30 मिमी मोटाई में चार नवीन तकनीकों को मंजूरी दी गई है। इनमें CGBM तकनीक के 45 मार्ग (282.438 किमी), कोल्ड मिक्स बीसी तकनीक के 52 मार्ग (305.958 किमी), MSS+ तकनीक के 38 मार्ग (201.525 किमी) और वेस्ट प्लास्टिक तकनीक के 171 मार्ग (1121.383 किमी) शामिल हैं।यूपीआरआरडीए द्वारा इन नवीन तकनीकों के प्रयोग से न केवल सड़क संरचना को टिकाऊ और सुदृढ़ बनाया जा रहा है, बल्कि कार्बन उत्सर्जन को कम कर पर्यावरण संरक्षण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है।

Bindesh Yadav
Bindesh Yadavhttps://newsxpresslive.com
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