उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों को लागू करते हुए वर्ष 2025-26 से हाईस्कूल में 10 विषयों की परीक्षा देनी होगी। जिसमें से सात विषयों के आधार पर मेरिट बनेगी। अभी यूपी बोर्ड हाईस्कूल में सिर्फ छह विषयों की परीक्षा होती थी।
हिंदी पढ़ना सभी के लिए होगा अनिवार्य
यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल के अनुसार नए प्रस्ताव के तहत सभी छात्रों को हिंदी पढ़ना अनिवार्य होगा। इसके अलावा अंग्रेजी, संस्कृत, गुजराती, उर्दू, पंजाबी, बांग्ला, मराठी, असमी, उड़िया, कन्नड़, कश्मीरी, सिंधी, तमिल, तेलुगू, मलयालम, नेपाली, पालि, अरबी, फारसी में से कोई दो भाषाएं भी पढ़नी होंगी।
वैकल्पिक विषय
गृह विज्ञान, मानव विज्ञान, कॉमर्स, एनसीसी, कंप्यूटर साइंस, कृषि और पर्यावरण विज्ञान में से कोई एक चुनना होगा। जबकि कला के तहत चित्रकला, रंजन कला, संगीत गायन या वादन में से कोई एक विषय चुनना होगा।
अनिवार्य रहेंगे ये विषय
हाईस्कूल के छात्रों के लिए शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा के तहत नैतिक, योग, खेल एवं शारीरिक शिक्षा व समाज के लिए उपयोगी उत्पादक एवं समाज सेवा कार्य अनिवार्य रहेंगे।
व्यावसायिक शिक्षा के लिए 31 विषयों के विकल्प
व्यावसायिक शिक्षा हासिल करने के इच्छुक विद्यार्थियों को अब 31 विषयों के विकल्प मिलेंगे। इसमें से कोई एक विषय चुनना होगा।
शारीरिक शिक्षा, कला, व्यावसायिक शिक्षा में 30 अंक की लिखित परीक्षा
यूपी बोर्ड के प्रस्तावों के अनुसार शारीरिक शिक्षा, कला और व्यावसायिक परीक्षा में 70 अंक का आंतरिक मूल्यांकन और 30 अंक की लिखित परीक्षा होगी। शेष विषयों में 80 अंक की लिखित परीक्षा और 20 अंक का आंतरिक मूल्यांकन होगा।
लागू होगा विषयवार ग्रेडिंग सिस्टम
यूपी बोर्ड के हाईस्कूल में अब विषयवार ग्रेडिंग सिस्टम लागू होगा। 91-100 अंक पर ए-1 ग्रेड, 81-90 अंक पर ए-2, 71-80 अंक पर बी-1, 61 से 70 अंक पर बी-2, 51 से 60 अंक पर सी-1, 41 से 50 अंक पर सी-2, 33से 40 अंक पर डी और 0-32 अंक पर ई ग्रेड मिलेगा। ई ग्रेड पाने वाले विद्यार्थी फेल माने जाएंगे।