जान,
बहादुरपुर। कैंसर से छोटे भाई की मौत के सदमे में बहन ने घर में रखा कीटनाशक खा लिया। रविवार की रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। यह दिल दहला देने वाली घटना कलवारी थाना क्षेत्र के फेंटवा गांव में हुई।
पिता बलवंत उपाध्याय ने बताया कि उनका छोटा बेटा, 21 वर्षीय अभिषेक उपाध्याय, कैंसर से पीड़ित था। उसे 16 सितंबर को मुंबई के टाटा अस्पताल में इलाज के दौरान अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी। छोटे भाई की मृत्यु की खबर सुनकर 23 वर्षीय बेटी रानी सदमे में आ गई। इस सदमे से उबरने के लिए उसने बार-बार बेहोश होने की शिकायत की, जिसके बाद उसे इलाज कराया गया और थोड़े समय बाद उसे आराम मिला।
हालांकि, रानी दो दिन तक गुमसुम अस्पताल में पड़ी रही। अंततः शुक्रवार को परिवार के लोग उसे घर ले आए। उसी दिन शाम को वह फिर बेहोश हो गई। जब परिवार ने उसकी स्थिति देखी, तो उन्हें उसकी सांसों में गन्ने की फसल के लिए प्रयोग किए जाने वाले कीटनाशक की दुर्गंध आई।
परिवार ने तुरंत उसे इलाज के लिए सीएचसी बहादुरपुर पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में रेफर कर दिया गया। वहाँ इलाज के दौरान उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ, जिसके बाद डॉक्टरों ने निराशा व्यक्त की। इसके बाद रानी को बस्ती के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन रविवार की रात करीब 12 बजे उसकी मृत्यु हो गई।
बलवंत उपाध्याय की आंखों में आंसू हैं, और उन्होंने कहा, “एक पिता के लिए इससे बड़ी पीड़ा और क्या हो सकती है कि पहले बेटे की अर्थी को कंधा दिया। अब जिस बेटी को डोली में विदा करना था, उसकी अर्थी को भी कंधा देना पड़ रहा है।” यह घटना न केवल एक परिवार की व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य और समर्थन की आवश्यकता को भी उजागर करती है।