यूपी कांग्रेस के बड़े नेताओं के सामने हुआ बवाल, कार्यकर्ताओं के बीच लात-घूंसे की बारिश; क्या है इसके पीछे की सच्चाई?

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले की फूलपुर विधानसभा क्षेत्र के सहसों लाला बाजार में रविवार को कांग्रेस द्वारा आयोजित जनसभा के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हो गई। इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता, जिनमें राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भी शामिल थे, ने हस्तक्षेप किया, लेकिन स्थिति नियंत्रण में नहीं आ सकी।

इस घटना की शुरुआत तब हुई जब विभिन्न दावेदारों के समर्थक एक-दूसरे से विवाद करने लगे। यह विवाद देखते ही देखते लात-घूंसे में तब्दील हो गया, जिससे मौके पर अफरातफरी मच गई। अजय राय ने कहा कि “अति उत्साह में कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। पार्टी के भीतर कोई विवाद नहीं है।”

पार्टी के संविधान सम्मान सम्मेलन के दौरान, उपचुनाव में टिकट के दावेदारों के बीच प्रतिस्पर्धा भी देखने को मिली। पार्टी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुरेश यादव और वरिष्ठ नेता मनीष मिश्र भी टिकट के दावेदारों में शामिल थे।

जैसे ही समर्थक एक-दूसरे के खिलाफ जिंदाबाद के नारे लगाने लगे, विवाद बढ़ता गया। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए उत्तर प्रदेश में कांग्रेस विधान मंडल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने मंच से उतरकर हस्तक्षेप किया। उन्होंने दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया, और अंततः कार्यकर्ताओं के बीच बैठकर शांति स्थापित करने का प्रयास किया।

इस घटनाक्रम ने फूलपुर क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया, और सोशल मीडिया पर मारपीट का वीडियो तेजी से वायरल होने लगा। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने इस मामले में कहा कि “कार्यकर्ताओं के बीच कोई झगड़ा नहीं है, बल्कि यह सिर्फ उत्साह का परिणाम था।”

कुल मिलाकर, यह घटना न केवल कांग्रेस के भीतर की राजनीति को दर्शाती है, बल्कि आगामी उपचुनाव की चुनौतियों को भी उजागर करती है।

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