सावन शिवरात्रि का विशेष महत्व !

सावन शिवरात्रि इस बार शुक्रवार को है और यह सावन महीने में विशेष महत्व रखता है। इस मौके पर हजारों कांवड़िए अयोध्या पहुंच चुके हैं, जिनमें से 50 हजार का जत्था बाइक से अयोध्या आया है।

अयोध्या में कांवड़ियों की भीड़

सावन त्रयोदशी यानी सावन शिवरात्रि पर रामनगरी में कांवड़ियों का रेला उमड़ने की उम्मीद है। प्रशासन ने इसको लेकर अलर्ट जारी कर दिया है और रामनगरी की सुरक्षा को सख्त कर दिया गया है। यातायात प्रतिबंध भी कड़े किए गए हैं।

बाइक से पहुंचे कांवड़िए

सावन शिवरात्रि की पूर्व संध्या पर 50 हजार से अधिक कांवड़िए बाइक से अयोध्या पहुंचे। इन श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में डुबकी लगाई और विभिन्न शिवालयों व मंदिरों में दर्शन-पूजन किया। गोंडा और बस्ती से आए कांवड़ियों ने सबसे पहले पावन सरयू में स्नान किया और फिर नागेश्वरनाथ, रामलला, हनुमानगढ़ी और कनक भवन के दर्शन किए।

भीड़ की स्थिति

भीड़ का सर्वाधिक दबाव नागेश्वरनाथ और सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी में देखा गया। कांवड़ियों की बाइक रामकथा पाके के सामने और साकेत पेट्रोल पंप से धर्मपथ के फुटपाथ पर खड़ी कराई गई। श्रद्धालुओं को पैदल जाने की अनुमति दी गई। देर शाम आईजी प्रवीण कुमार, एसएसपी राजकरण नय्यर सहित अन्य पुलिस बल ने मेला क्षेत्र का भ्रमण किया।

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72 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग

आचार्य प्रवीण शर्मा के अनुसार, सावन मास की शिवरात्रि पर 72 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है। गुरु प्रदोष, मृगशिरा और आर्द्रानक्षत्र के शुभ संयोग में सावन शिवरात्रि व्रत शुरू होगा। इस दिन भगवान शिव को जलाभिषेक से प्रसन्न किया जाता है। मनोवांछित फल पाने के लिए पंचामृत अभिषेक किया जाता है। धन की प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से, पराक्रम के लिए अनार के रस से, भक्ति के लिए केले से, समृद्धि के लिए चीकू से और शांति और संतुष्टि के लिए नारंगी फल से अभिषेक की मान्यता है।

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