मुख्यमंत्री ने एमएसएमई विभाग के प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करते हुए कहा कि यह योजना स्वरोजगार सृजन के प्रयासों में बड़ी भूमिका निभाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि योजना के बारे में अधिकाधिक युवाओं को अवगत कराया जाए ताकि वे प्रोत्साहित हों और आत्मनिर्भर होकर अपनी आजीविका कमा सकें। बैठक में प्रमुख सचिव, एमएसएमई ने मुख्यमंत्री को बताया कि अभियान के तहत प्रतिवर्ष 1,00,000 युवाओं को बैंकों से ऋण दिलाकर वित्तीय अनुदान दिया जाएगा, जिससे प्रतिवर्ष 01 लाख सूक्ष्म उद्यम स्थापित हो सकेंगे। इस प्रकार आगामी 10 वर्षों में 10 लाख (एक मिलियन) युवा स्वरोजगार से जुड़ सकेंगे।
लाभार्थियों की श्रेणियाँ और अनुदान
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियान के तहत सामान्य वर्ग के अलावा, ओबीसी, महिला, दिव्यांगजन तथा एससी, एसटी के पुरुषों और महिलाओं को उद्यम स्थापित करने पर अनुदान देने का प्रावधान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, मार्जिन मनी पर भी सब्सिडी प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि युवा उद्यमियों को यथासंभव ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध हो, इसके लिए एक तय अवधि तक ऋण के ब्याज उपादान और सीजीटीएमएसई कवरेज की सुविधा भी दी जाए।
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योजना की क्रियान्वयन और मॉनीटरिंग
मुख्यमंत्री ने योजना के सही क्रियान्वयन और सतत मॉनीटरिंग के लिए आकांक्षात्मक विकास खंडों में तैनात सीएम फेलो की तर्ज पर हर जिले में योग्य युवाओं की तैनाती की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि उद्यम स्थापित करने के लिए वित्तपोषण से पहले युवाओं को विधिवत प्रशिक्षण दिलाया जाना चाहिए। नए उद्यमियों को उनके उत्पाद की पैकेजिंग, ब्रांडिंग व मार्केटिंग में भी मदद की जाएगी।