नई दिल्ली: महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज में हुई भगदड़ ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। इस घटना को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने लोकसभा में उत्तर प्रदेश सरकार पर सवालों की बौछार कर दी।
भगदड़ के आंकड़ों पर उठाए सवाल
लोकसभा में बोलते हुए अखिलेश यादव ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए और सरकार से मांग की कि भगदड़ में हताहत हुए लोगों के वास्तविक आंकड़े सार्वजनिक किए जाएं। उन्होंने कहा, “सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि भगदड़ में कितने लोगों की जान गई और कितने लोग घायल हुए। आंकड़े छिपाने से सच्चाई बदली नहीं जा सकती।”
प्रबंधन पर उठाए गंभीर आरोप
अखिलेश यादव ने कहा कि आपदा प्रबंधन की असफलता के कारण इतनी बड़ी घटना घटी, लेकिन सरकार इसे नजरअंदाज करने में लगी है। उन्होंने कहा, “भगदड़ के बाद सरकार का रवैया असंवेदनशील रहा। हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए गए, लेकिन श्रद्धालुओं की पीड़ा पर ध्यान नहीं दिया गया।”
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि मीडिया पर भी दबाव डाला गया, ताकि हादसे की खबरें ज्यादा ना फैलें। अखिलेश यादव ने कहा, “अगर प्रशासन ने पहले से उचित इंतजाम किए होते, तो यह त्रासदी रोकी जा सकती थी।”
सरकार से मांगी पारदर्शिता
सपा प्रमुख ने महाकुंभ आयोजन की तैयारियों की समीक्षा और सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग की। उन्होंने कहा, “आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी सेना को सौंपी जाए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। साथ ही, हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।”
जनता ने भी उठाए सवाल
महाकुंभ में भगदड़ की घटना के बाद कई श्रद्धालुओं और समाजिक संगठनों ने सरकार से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। लोगों का कहना है कि प्रयागराज जैसे बड़े आयोजन स्थल पर बार-बार सुरक्षा खामियां सामने आना चिंता का विषय है।
आगे क्या?
सरकार की ओर से अभी तक भगदड़ के कारणों पर कोई विस्तृत बयान नहीं आया है। हालांकि, विपक्ष इस मुद्दे पर लगातार योगी सरकार को घेरने में जुटा हुआ है।
अब देखना होगा कि महाकुंभ 2025 की तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार क्या कदम उठाती है।
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