बस्ती (उत्तर प्रदेश): परसरामपुर विकास खंड की ग्राम सभा बसथनवा में कार्यरत मनरेगा रोजगार सेविका रेशमा भारती ने कुछ दबंग व्यक्तियों पर जातिगत अभद्रता, कार्य में बाधा डालने, गाली-गलौज और मारपीट का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता ने थानाध्यक्ष पैकोलिया को प्रार्थना पत्र देकर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
रेशमा भारती पत्नी पवन कुमार, निवासी ग्राम दुबौलिया (जीतीपुर), थाना पैकोलिया, जिला बस्ती ने बताया कि वह अनुसूचित जाति (चमार) से हैं और वर्तमान में ग्राम सभा बसथनवा में मनरेगा रोजगार सेवक के पद पर कार्यरत हैं। 21 अप्रैल 2025 की सुबह करीब 6 बजे जब वह मनरेगा मजदूरों की हाजिरी लगा रही थीं, तभी शंभूनाथ पाठक, पदुमनाथ पाठक, अखिलेश पाठक (ग्राम बसथनवा निवासी) और विजय कुमार (ग्राम दुलारपुर निवासी) मौके पर पहुंचे और मजदूरों का कार्य रुकवाते हुए धमकाने लगे कि “हमारे आदमियों की फर्जी हाजिरी बनाओ, नहीं तो काम नहीं होने देंगे।”
रेशमा ने जब मना किया तो उपरोक्त व्यक्तियों ने जातिसूचक शब्दों के साथ भद्दी-भद्दी गालियां दीं और धमकी दी कि अब तुम्हें काम नहीं करने देंगे। मजदूरों के बीच-बचाव पर वे गाली देते हुए चले गए।
रेशमा ने आगे बताया कि उसी दिन करीब 10:40 बजे जब वह अपने पति के साथ जलपान हेतु निकलीं और ग्राम घोसड़े मिश्र के पास अवधेश बिल्डिंग मटेरियल की दुकान के पास पहुंचीं, तो वहीं चारों आरोपियों ने उन्हें फिर से घेर लिया और अपमानजनक टिप्पणियां करने लगे। उनके पति ने विरोध किया तो आरोपियों ने उन्हें भी जातिसूचक गालियां दीं और मारपीट शुरू कर दी। शोर सुनकर आसपास के लोग जुटे और बीच-बचाव किया। जाते समय भी आरोपियों ने गालियां दीं और धमकी दी कि “यदि कहीं शिकायत की तो तुम्हारी जाति ही मिटा देंगे।”
पीड़िता का आरोप है कि घटना की सूचना उन्होंने तुरंत थाना पैकोलिया में दी, परंतु अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि आरोपी लगातार उन्हें धमकी देते हैं और अकेला देखकर छेड़ते हैं, जिससे वह भयभीत हैं और कार्य करना मुश्किल हो गया है।
रेशमा भारती ने जिला प्रशासन से मांग की है कि शंभूनाथ पाठक, पदुमनाथ पाठक, अखिलेश पाठक और विजय कुमार के खिलाफ शीघ्र मुकदमा दर्ज किया जाए और उन्हें न्याय दिलाया जाए।
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