कप्तानगंज बस्ती- विकासखण्ड कप्तानगंज ब्लांक में बीते दस मार्च 2025 को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया था । जिसमें कप्तानगंज ब्लाक अन्तर्गत आने वाले नव वर वधु ने रजिस्ट्रेशन कराके मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में शामिल होकर प्रतिभागी बने थे । बरातियों को खाना न मिलने से दुल्हे के बाप व अन्य बरातियों ने सामूहिक विवाह समारोह में अव्यवस्थाओं पर उंगली उठाते हुए कहा कि विवाह समारोह में कोई उचित व्यवस्था नही थी।
आपको बता दें कि विकासखंड कप्तानगंज के अंतर्गत सावित्री मैरिज हाल में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का आयोजन हुआ जिसमें सामूहिक विवाह की जिम्मेदारी एडीओ समाज कल्याण प्रशांत खरे के पास थी । बात करे इनके कार्य क्षेत्र की तो साहब को तीन विकासखंडों का चार्ज मिला है प्रत्येक विकासखंड में दो – दो दिन बैठते हैं । सामूहिक विवाह में 100 शादी जोड़ो का विवाह सम्पन्न हुआ है जिसमें ब्लाक कप्तानगंज से 64 शादी के जोड़े,विकासखंड दुबौलिया से 31 शादी जोड़े एवं नगर पंचायत कप्तानगंज से 05 शादी जोड़े शामिल हुए थे
। जिम्मेदार अधिकारियों / कर्मचारियों के द्वारा दुल्हा पक्ष से आये हुए बराती एवं दुल्हन की तरफ से आए हुए घराती के लिए जलपान एवं भोजन की व्यवस्था नाम मात्र का किया गया था । शादी संपन्न होने के बाद काफ़ी शादी जोड़ो एवं घराती-बाराती को भोजन नहीं मिला । भोजन के नाम पर किसी को पापड़,किसी को पानी तथा किसी को मूली खाकर अपने पेट की भूख को शांत करना पड़ा । दुल्हा दुल्हन की शादी में बरातियों को खाना न मिलने से परिजनो में रोष व्याप्त था । और हर कोई विवाह व्यवस्थापक पर उंगली उठाने का काम कर रहा था ।
इस बात की पुष्टि के लिए जब मीडिया टीम ने पड़ताल किया तो पता चला कि भोजन के साथ साथ शादी जोड़ो को दिये गये गहना,कपड़ा,बर्तन में एक नग साड़ी कम था । इसकी सूचना एडीओ समाज कल्याण अधिकारी प्रशान्त खरे को दिया गया ।इस पर एडीओ समाज कल्याण अधिकारी प्रशांत खरे और मीडिया टीम से बाता कहनी हो गई । उसी समय लड़की की मां ने साड़ी को ए. डी. ओ. समाज कल्याण अधिकारी कप्तानगंज प्रशांत खरे के आगे फेंक कर कहा साहब इतनी ख़राब साड़ी आपने दिया है लो यह रख लो आपके काम आएगी । सामूहिक विवाह में गहना,कपड़ा,वर्तन में हुई हेरा फेरी जांच का विषय है । अब देखना यह है
कि विवाह कार्यक्रम में हुई हेरा फेरी की उच्च स्तरीयअधिकारी से जांच होती है या लीपापोती करके मामले को दबा दिया जाता है । प्रशांत खरे की व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी गौर ब्लाक में तैनात सफाई कर्मचारी के हाथों में थी व्यवस्था में खानापूर्ति करके वाह वाही लूटने के प्रयास विफल सफल होने पर प्रशांत खरे ने जिला स्तर के कर्मचारी को टेंडर करा ने का माना दोषी और कहा कि यह सब जिला वाले जानते हैं
हमें कुछ जानकारी नहीं है अर्थात प्रशांत खरे की माने तो जिला स्तर के अधिकारी जिनके द्वारा इस आयोजन में सहयोग किया गया वह भी दोषी है अब देखना है मामला किस हद तक सामूहिक विवाह कार्यक्रम में हुए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की जाती है l
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