बभनान, बस्ती। सूरज की बढ़ती तपिश का असर अब बाजारों पर साफ दिखाई दे रहा है। भीषण गर्मी के कारण बाजार से भीड़ गायब हो गई है, जिससे व्यवसायियों की चिंता बढ़ गई है। व्यापारियों का कहना है कि अब सुबह और शाम के समय भी ग्राहक नहीं आ रहे हैं। वे इस गिरावट का मुख्य कारण बढ़ती गर्मी को मानते हैं। उनका कहना है कि गर्मी के कारण बाजार का कारोबार 50-60 प्रतिशत तक कम हो गया है।
अखिल भारतीय व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुभाष शुक्ल ने बताया कि जिले में प्रतिदिन 80-100 करोड़ की मंडी होती है, जो अब गर्मी के कारण 60 प्रतिशत तक घट गई है। गर्मी की वजह से कार्य क्षमता भी घट गई है। सुबह 10 बजे के बाद मजदूरों और व्यवसाय में लगे अन्य कामगारों के लिए काम करना मुश्किल हो गया है। यदि तापमान में जल्द ही गिरावट नहीं आई तो व्यवसायियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। गांधीनगर के कपड़ा व्यवसायी करन ने बताया कि तापमान के कारण उनका व्यवसाय पूरी तरह से चौपट हो गया है। दिनभर में 10 हजार रुपये की भी बिक्री नहीं हो रही है। शादी के सीजन के लिए मंगवाया गया माल वैसे ही पड़ा है। लगभग हफ्तेभर से शाम के समय भी दुकानदारी नहीं हो पा रही है। यदि यही स्थिति एक हफ्ते और रही तो हालात बहुत बिगड़ जाएंगे।
दोपहर में कर्फ्यू जैसा माहौल
शुक्रवार को दिन में 11 बजे से ही बाजार में कर्फ्यू जैसा माहौल दिखा। आम दिनों में ग्राहकों से भरा रहने वाला शहर का गांधीनगर बाजार दोपहर में सूना रहा। शहर के काली मंदिर, फव्वारा चौराहा, कंपनी बाग, रोडवेज, अस्पताल चौराहा, दक्षिण दरवाजा, मंगल बाजार, स्टेशन तिराहा, ब्लॉक रोड जैसे व्यस्त इलाके और बाजार भी दोपहर में खामोश नजर आए। पुरानी बस्ती स्थित थोक मंडी, जहां दिनभर जाम लगा रहता था, शुक्रवार को दिन में 1 बजे सन्नाटे में डूबी रही।
आज से राहत की संभावना
तपिश और उमस भरी गर्मी से राहत की संभावना फिलहाल नजर नहीं आ रही है। शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विज्ञानी डॉ. अमर नाथ मिश्र ने बताया कि आज से गर्मी से राहत के आसार दिख रहे हैं। पूरवा हवा के कारण आर्द्रता 75 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जिससे तेज धूप के दौरान उमस बढ़ जाती है। मानसून महाराष्ट्र से आगे बढ़ चुका है और 20 जून तक जिले में दस्तक दे सकता है।
गर्मी की मार से जूझ रहे व्यवसायियों को अब मानसून से ही राहत की उम्मीद है। अगर समय पर मानसून पहुंचता है और तापमान में गिरावट आती है, तो व्यापारियों को इस भीषण संकट से थोड़ी राहत मिल सकेगी। तब तक के लिए वे इस तपिश से बचने और अपने व्यापार को बचाए रखने