आर्य समाज और आर्य वीर दल ने हाथरस में हुई दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। आर्य वीर दल पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रधान संरक्षक ओम प्रकाश आर्य ने कहा कि हाथरस सत्संग के दौरान हुई दुर्घटना अत्यन्त चिंताजनक है और सभ्य समाज के लिए चुनौती है। आज भी समाज में बढ़ता हुआ पाखंड और अंधविश्वास विचारणीय है कि भोले-भाले लोगों को धर्म के नाम पर कैसे बहकाया जा रहा है। आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती ने समाज में उस समय व्यापत कुरीतियों पर सीधा प्रहार किया था। उन्होंने धर्म को सत्य और तर्क की कसौटी पर परखने का आह्वान किया था।
ओम प्रकाश आर्य ने वैदिक धर्म में आस्था रखने वाले लोगों का आह्वान किया कि समाज में बढ़ता गुरुडम वाद जनता को गुमराह कर रहा है, इसके लिए लोगों को जागरूक करें। विज्ञान और सत्य को परखने के बाद ही स्वीकार करें। सत्य को जानने के लिए “वेदों” की ओर लौटना ही होगा। उन्होंने सनातन धर्म प्रतिनिधि सभाओं से भी अनुरोध किया कि वे अपने धर्म प्रचारकों की मान्यता प्राप्त सूची जारी करें, जिससे ऐसी घटनाओं को हिंदू धर्म के साथ जोड़ कर न देखा जाए।
उन्होंने केंद्र सरकार से भी मांग की कि अब समय आ गया है कि धर्म की सही परिभाषा भी परिभाषित होनी चाहिए, जिससे कोई किसी को गुमराह न कर सके। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म “सर्वे भवन्तु सुखिनः” की प्रार्थना करता है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम और योगीराज श्री कृष्ण हमारे आदर्श हैं। हिंदू को हिंसक कहना निंदनीय और शर्मनाक है।