वर्ष 1997 में लालू प्रसाद यादव ने जनता दल से अलग होकर किया था राजद का गठन
पटना/बिहार
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के संस्थापक लालू प्रसाद यादव को एक बार फिर निर्विरोध पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। ये उनका लगातार 13वां कार्यकाल होगा। आरजेडी के राष्ट्रीय निर्वाचन पदाधिकारी रामचंद्र पूर्वे ने मंगलवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी आधिकारिक घोषणा की। रामचंद्र पूर्वे ने बताया कि अध्यक्ष पद के लिए केवल लालू प्रसाद यादव ने ही नामांकन दाखिल किया था। उनके नामांकन पत्र की जांच राष्ट्रीय सहायक निर्वाचन पदाधिकारी चितरंजन गगन की उपस्थिति में की गई और चारों प्रतियां वैध पाई गईं। नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 25 जून को दोपहर 1 से 3 बजे तक निर्धारित थी, लेकिन कोई नामांकन वापस नहीं लिया गया। इसलिए लालू यादव को निर्विरोध अध्यक्ष घोषित किया गया।
👉5 जुलाई को मिलेगा आधिकारिक प्रमाण पत्र
रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि 5 जुलाई को राजद की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में लालू यादव को औपचारिक रूप से निर्वाचन प्रमाण पत्र सौंपा जाएगा। इसके साथ ही वे 13वीं बार पार्टी की कमान संभालेंगे।
👉23 जून को दाखिल किया गया था नामांकन
लालू यादव ने 23 जून को निर्धारित प्रक्रिया के तहत चार प्रतियों में नामांकन दाखिल किया था। यह नामांकन समय सीमा के भीतर प्राप्त हुआ और वैध पाया गया।
👉राजद की स्थापना और नेतृत्व
राजद की स्थापना वर्ष 1997 में लालू प्रसाद यादव ने जनता दल से अलग होकर की थी। तब से वे लगातार इस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। गौरतलब है कि हाल ही में राज्य परिषद की बैठक में लालू यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आगामी विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि तेजस्वी ही महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। साथ ही नीतीश कुमार और आरएसएस को सत्ता से हटाने का संकल्प दोहराया।
लालू यादव का फिर से निर्विरोध अध्यक्ष चुना जाना राजद में उनके अपार प्रभाव को दर्शाता है। साथ ही पार्टी अब तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आगामी चुनावी रणनीति पर केंद्रित दिख रही है।
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