सबसे कम उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियन बने डी गुकेश, को राष्ट्रपति भवन में एक सम्मान समारोह में मेजर ध्यान चंद खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया,

डी गुकेश: सबसे कम उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियन

18 वर्षीय डी गुकेश ने विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने चीन के गत चैंपियन डिंग लीरेन को हराकर यह खिताब अपने नाम किया। यह उपलब्धि उन्हें शतरंज जगत के महान खिलाड़ियों में शामिल करती है।

राष्ट्रपति भवन में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न से सम्मान

डी गुकेश को उनकी इस ऐतिहासिक जीत के लिए राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान खेल क्षेत्र में सर्वोच्च उपलब्धियों को मान्यता देने के लिए प्रदान किया जाता है।

इतिहास रचने वाले पहले एथलीट

सम्मान समारोह के दौरान डी गुकेश को राष्ट्रपति से सम्मान प्राप्त करने वाले पहले एथलीट के रूप में विशेष पहचान मिली। यह उनके करियर और शतरंज की दुनिया में एक और बड़ी उपलब्धि को चिह्नित करता है।

डिंग लीरेन को हराकर ऐतिहासिक जीत

डी गुकेश की यह जीत विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने चीन के डिंग लीरेन को हराया, जो अपने समय के एक मजबूत चैंपियन माने जाते हैं। इस सफलता ने गुकेश को शतरंज की दुनिया में नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया।

गुकेश का भविष्य

डी गुकेश की यह उपलब्धि उनकी कड़ी मेहनत, लगन और प्रतिभा का प्रमाण है। उनकी यह जीत आने वाले युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी और भारतीय शतरंज को वैश्विक मंच पर और अधिक पहचान दिलाएगी।

अंतिम विचार

डी गुकेश ने कम उम्र में विश्व शतरंज चैंपियन बनकर न केवल अपने देश का नाम रोशन किया, बल्कि यह दिखाया कि निरंतर प्रयास और समर्पण के बल पर कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। राष्ट्रपति भवन में मिला सम्मान उनकी इस यात्रा को और अधिक गौरवपूर्ण बनाता है।

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