बस्ती। इन दिनों बस्ती में बच्चों में दस्त की बीमारी तेजी से फैल रही है। इससे अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा व्यवस्था पर भारी दबाव पड़ रहा है।
अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं प्रभावित
उल्टी और दस्त के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी के कारण जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज की आपातकालीन सेवाएं बिगड़ गई हैं। वार्ड में मरीजों के लिए आसानी से बेड नहीं मिल पा रहे हैं, जिससे उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
जिला अस्पताल में दस्त के मरीजों की संख्या
जिला अस्पताल में दस्त के 50 से अधिक मरीज भर्ती हैं। इनमें अधिकांश बच्चे हैं, जो इस बीमारी से बुरी तरह प्रभावित हैं।
बाल चिकित्सा वार्ड की स्थिति
बाल चिकित्सा वार्ड भी दस्त और उच्च श्रेणी के बुखार से पीड़ित मरीजों से भरा हुआ है। वार्ड की क्षमता पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है, और नए मरीजों को भर्ती करने में कठिनाई हो रही है।
चिकित्सकों की राय
जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ. रामजी सोनी का कहना है कि मौसम के बदलाव के कारण दस्त के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि 30 बेड वाले मेडिकल वार्ड में अधिकांश मरीज दस्त के हैं।
गर्मी का प्रभाव और पाचन समस्याएं
चिकित्सकों के अनुसार गर्मी के कारण पाचन क्षमता कमजोर हो जाती है, और जैसे ही कोई व्यक्ति दूषित खाद्य पदार्थ का सेवन करता है, उसे दस्त हो जाता है। इस कारण से बच्चों में दस्त की बीमारी तेजी से फैल रही है और अस्पतालों में भीड़ बढ़ रही है।
समाधान और सुझाव
चिकित्सकों का सुझाव है कि लोग स्वच्छता का ध्यान रखें और दूषित खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। बच्चों की देखभाल में विशेष ध्यान दें और किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या होने पर तुरंत चिकित्सा सलाह लें। इससे इस बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है और अस्पतालों पर पड़ रहे दबाव को कम किया जा सकता है।