असूरों से लड़ते हैं जब ये वीर जवान,
उनके खून से सींचा हर धरती का प्राण,
आतंक की शाम को मात दी है उनकी रोशनी,
पुलवामा के शहीदों ने लिखा है अमर इम्तहान।”
14 फरवरी की वो काली रात,
वीरों ने कर दी दुश्मनी की मात,
शहादत की आग में तपे हैं ये दिल,
इनके बलिदान से सजे हैं देश के हर साथ।”
3.जब भी फहराएंगे तिरंगे को ऊँचा,
याद आएंगे वो वीर, जिनकी हो गई थी कुर्बानी,
उनकी शहादत में छिपा है देश का अभिमान,
दिल में बसी रहेगी उनकी अमर कहानी।”
वो जो चले गए पीछे मुड़कर ना देखें,
उनके इरादों में है देशभक्ति का असर,
पुलवामा के शहीदों की याद में ये दुआ,
मिटे ना कभी वतन में उनका ये जज़्बा, ये शोर।”
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