संगम में डूबकर अपनी जान गंवाने वाले दोनों किशोर गहरे दोस्त थे। यह दोस्ती इतनी प्रगाढ़ थी कि जहां भी जाते, एक साथ ही जाते थे। लोगों का कहना है कि दोनों ने आखिरी समय तक अपनी दोस्ती को निभाया और डूबते वक्त भी एक-दूसरे को बचाने का प्रयास किया।
आदित्य सिंह के बाबा, हनुमान सिंह, ने बताया कि दोनों किशोर लालगंज बाजार जाने के लिए कहकर साइकिल से निकले थे। खाखरा आमना बाद गांव के पास बने बांस के पुल को पार करके वे लालगंज घाट पर नहाने लगे। वहां, दुर्भाग्यवश, दोनों डूब गए।
इस दुखद घटना की सूचना मिलते ही क्षेत्र के लोग इकट्ठा हो गए। लालगंज थाना प्रभारी, अनस अख्तर, ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लिया। हालांकि, मृतकों के परिजन पोस्टमार्टम कराने के लिए तैयार नहीं थे। काफ़ी समझाने के बाद, सीओ रुधौली की मौजूदगी में पंचायत नामा करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया गया।
आदित्य सिंह सीडीए इंटर कॉलेज बनकटी में कक्षा आठ का छात्र था, जबकि हरिश्चंद ऊर्फ बगुली सरस्वती शिक्षा निकेतन खम्हरिया में कक्षा पांच का छात्र था। दोनों बच्चों की मौत से उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
इस घटना ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है। इस ह्रदयविदारक घटना से लोगों के बीच यह संदेश गूंज रहा है कि दोस्ती में कितना भी गहराई हो, सुरक्षा और सतर्कता का महत्व हमेशा सर्वोपरि होना चाहिए। दोनों किशोरों की यादें उनके दोस्तों और परिजनों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगी।