यूपी पुलिस में भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई: 56 पुलिसकर्मी निलंबित

यूपी – उत्तर प्रदेश पुलिस में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए आगरा में बड़ी कार्रवाई की गई है। पिछले दो दिनों में 12 दरोगा, छह मुंशी सहित कुल 56 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। यह आगरा कमिश्नरेट में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।

विस्तार

आगरा में गुरुवार को भी भ्रष्ट और लापरवाह पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई जारी रही। पूर्वी और पश्चिमी जोन में पांच दरोगा सहित 25 पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया है। इस प्रकार, दो दिनों में 55 पुलिस कर्मियों पर निलंबन की गाज गिर चुकी है।

पुलिस कमिश्नर जे. रविन्दर गौड ने भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने तीनों जोन के डीसीपी को सूची बनाकर निलंबन के आदेश दिए थे। गुरुवार को डीसीपी पूर्वी अतुल कुमार शर्मा ने शमसाबाद में तैनात प्रशिक्षु महिला दरोगा मिनाली चौधरी और डौकी में तैनात मुख्य आरक्षी सुबोध कुमार को निलंबित किया। इन दोनों पर पासपोर्ट सत्यापन में अवैध वसूली के आरोप थे। जांच में आवेदकों ने वसूली की पुष्टि की, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। डीसीपी सिटी पश्चिमी सोनम कुमार ने पांच दरोगा, एक कंप्यूटर ऑपरेटर और उर्दू अनुवादक सहित 25 पुलिस कर्मियों को निलंबित किया। इन पर कार्य में लापरवाही और उच्च अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना के आरोप थे। पुलिस कमिश्नर जे. रविन्दर गौड ने बताया कि अनैतिक गतिविधियों में लिप्त अन्य पुलिस कर्मियों की सूची भी तैयार की जा रही है।

रिश्वत के बिना नहीं हो रहा था पासपोर्ट सत्यापन

कमिश्नरेट के पश्चिमी जोन में चार दरोगा, एक कंप्यूटर ऑपरेटर और एक अनुवादक सहित 23 मुख्य आरक्षी और आरक्षी गुरुवार को निलंबित किए गए हैं। दरोगा बिना रिश्वत लिए पासपोर्ट सत्यापन की रिपोर्ट नहीं लगा रहे थे। डीसीपी पश्चिमी सोमन कुमार ने बताया कि दरोगा सुविधा शुल्क मांगते थे। मुख्य आरक्षी और आरक्षियों में शामिल बीट पुलिस अधिकारी (बीपीओ) उच्च अधिकारियों के आदेशों को नहीं मान रहे थे। एसीपी के आदेशों की अवहेलना पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। वहीं, पूर्वी जोन में शमसाबाद थाने में तैनात प्रशिक्षु महिला दरोगा और डौकी में तैनात आरक्षी सुबोध कुमार भी अवैध वसूली में संलिप्त पाए गए। डीसीपी पूर्वी अतुल शर्मा के अनुसार, दोनों को निलंबित किया गया है।

रिश्वत के दाग लगाने वाले पुलिसकर्मी

बसई जगनेर में तैनात दरोगा रामजस यादव, अछनेरा में तैनात प्रताप सिंह, सैंया में तैनात सतेन्द्र त्रिपाठी, इरादतनगर में प्रशिक्षु दरोगा करन सिंह को अवैध वसूली की शिकायतों पर निलंबित किया गया है। किरावली में तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर अभय कुमार और मलपुरा में तैनात उर्दू अनुवादक उमर दराज को लापरवाही बरतने पर निलंबित किया गया है। इरादतनगर में मुख्य आरक्षी आदित्य कुमार, एत्मादपुर में मुख्य आरक्षी सौरभ चौहान, खेरागढ़ में मुख्य आरक्षी राजकुमार, बसई जगनेर में मुख्य आरक्षी उपेंद्र सिंह पर भी रिश्वत के आरोप लगे हैं। अछनेरा में आरक्षी अमित कुमार, इरादतनगर में आरक्षी विकास कुमार, खेरागढ़ में आरक्षी कुलदीप कुमार, अक्षय कुमार, जगनेर में आरक्षी योगेंद्र सिंह और सौरभ प्रताप, एत्मादपुर में आरक्षी सतेन्द्र चौधरी, सैंया में आरक्षी अंकुर, दिग्विजय सिंह, रविकांत और अरुण कुमार, बरहन में श्यामवीर सिंह, और खंदौली में आरक्षी प्रवीन कुमार को निलंबित किया गया है।

इस सख्त कार्रवाई से स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहा है और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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