नर्सिंग ऑफिसर पेपरलीक कांड: टीसीएस के अधिकारियों का काला चेहरा बेनकाब! क्या सर्वर हैकिंग के पीछे और भी बड़े नाम हैं?

सीतापुर। जिले के तालगांव थाना क्षेत्र स्थित केपी सिंह मेमोरियल इंस्टिट्यूट के नर्सिंग पेपरलीक कांड में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए टीसीएस (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) के तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। इनके साथ ही एक परीक्षा केंद्र प्रभारी को भी गिरफ्तार किया गया है। टीसीएस के अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने सर्वर से छेड़छाड़ कर पेपर लीक किया। पुलिस ने इन सभी पर उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अध्यादेश 2024 और अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

गिरफ्तारी और बरामदगी

एसपी चक्रेश मिश्र ने बताया कि इस मामले में कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के नैमिष पुरम निवासी अमित मिश्रा, शहर कोतवाली क्षेत्र के विजयलक्ष्मी नगर निवासी उत्कर्ष मिश्रा, आदर्श नगर निवासी अंकित श्रीवास्तव, और न्यू ग्वाल मंडी निवासी गौरव राजवंशी को गिरफ्तार किया गया है। इन अभियुक्तों के पास से 3 लैपटॉप, 5 मोबाइल, एक प्रिंटर, और 3 डायरी बरामद की गई हैं। उत्कर्ष, अंकित और गौरव टीसीएस के अधिकारी हैं, जिनके जिम्मे परीक्षा के दौरान तकनीकी रूप से सतर्क रहकर परीक्षा संपन्न कराने की जिम्मेदारी थी।

पेपर लीक करने की साजिश

15 और 16 जुलाई को केपी सिंह मेमोरियल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी कॉलेज में नर्सिंग ऑफिसर की परीक्षा आयोजित की गई थी। इस दौरान राजस्थान के कुछ अभ्यर्थियों को नकल कराई गई। जांच के दौरान पता चला कि टीसीएस के अधिकारियों ने सर्वर पर एक एक्सटेंशन सॉफ्टवेयर डाउनलोड किया, जिससे प्रश्न पत्र का प्रिंटआउट निकालकर उत्तरमाला तैयार की गई। इस पेपर को 22 छात्रों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया, जिसमें से 8 छात्रों तक यह पेपर पहुंच पाया। इन आठ छात्रों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

टीसीएस पर होगी ब्लैकलिस्टिंग की कार्रवाई

एसपी चक्रेश मिश्र ने बताया कि टीसीएस के अन्य कर्मचारियों और परीक्षा केंद्र के अन्य संलिप्त व्यक्तियों की जांच जारी है। एसजीपीजीआई से अभ्यर्थियों की जानकारी प्राप्त कर उनका अभ्यर्थन निरस्त कराने की कार्रवाई की जा रही है। साथ ही, परीक्षा केंद्र और कार्यदायी एजेंसी टीसीएस के खिलाफ ब्लैकलिस्टिंग की कार्रवाई भी की जा रही है।

इस मामले ने परीक्षा प्रणाली की सुरक्षा और ईमानदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं, और प्रशासन इस तरह के घोटालों को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रहा है।

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