बस्ती। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण (फाइलेरिया उन्मूलन) अभियान का शुभारंभ 10 अगस्त से होगा और यह 2 सितंबर तक चलेगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य फाइलेरिया उन्मूलन के प्रति आमजन में जागरूकता फैलाना है। जिला पूर्ति कार्यालय, जिला पंचायतीराज कार्यालय व बेसिक शिक्षा विभाग के समन्वय से इस अभियान को सफल बनाया जाएगा।
अभियान के लिए बनाई गई 2305 टीमें
जिले भर में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 2305 टीमें बनाई गई हैं, जिनमें प्रत्येक टीम में दो सदस्य शामिल हैं। ये टीमें घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाने और जागरूक करने का काम करेंगी।
अभियान की निगरानी के लिए 385 सुपरवाइजर
अभियान की प्रभावी निगरानी के लिए 385 सुपरवाइजर तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, रैपिड एक्शन टीम भी तैनात की जाएगी जो अभियान के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेगी।
अभियान का उद्देश्य
सीएमओ डाॅ. आरएस दुबे ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य फाइलेरिया जैसी बीमारियों का 2027 तक समूल नाश करना है। यह मच्छर के काटने से होने वाला संक्रामक रोग है। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान व कोटेदार को फाइलेरिया से बचाव के तरीके सुझाए जाएंगे और अभियान को सफल बनाने के लिए विभिन्न विभागों का समन्वय किया जाएगा।
प्रबुद्ध वर्ग की भागीदारी
इस अभियान में प्रबुद्ध वर्ग, जनप्रतिनिधि और संभ्रांत नागरिकों को भी शामिल किया जाएगा। वे फाइलेरिया से बचाव की गोली खिलाकर आम लोगों को इसके लिए प्रेरित करेंगे। विद्यालयों में प्रार्थना सभा में बच्चों को इसके प्रति जागरूक किया जाएगा।
सरकार का लक्ष्य
जिला मलेरिया अधिकारी आईए अंसारी ने बताया कि सरकार ने 2027 तक फाइलेरिया के उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है। अगर किसी को फाइलेरिया नहीं है और वह उसकी दवा का सेवन करेंगे तो मच्छर काटने के बाद उन्हें फाइलेरिया नहीं होगा।
रैपिड टीम का गठन
फाइलेरिया की गोली खाने के बाद कुछ लोगों में थोड़ी देर के लिए घबराहट की समस्या हो सकती है। इसके लिए रैपिड टीम बनाई गई है जो मौके पर ऐसे लोगों का इलाज करेगी। छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं और गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन नहीं करना है। इस तरह की सात प्रतिशत आबादी में दवा नहीं वितरित की जाएगी।
समुदाय की प्रतिक्रियाएं
फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को लेकर जिले के लोगों में उत्साह और जागरूकता बढ़ी है। लोग इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं। सभी की नजरें इस अभियान की सफलता पर टिकी हैं, ताकि बस्ती जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाया जा सके।
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