राखी की सजी धजी डोर, बहनों की मन्नतें और भाईयों की उम्र का रहस्य!”

रक्षाबंधन के इस पावन पर्व पर, भद्रा के कारण दोपहर 1:32 बजे से राखी बांधने की शुरुआत हुई। बहनों ने भाइयों की कलाई पर प्रेम और स्नेह की डोर बांधी, और भाइयों ने उनकी रक्षा का वादा किया। बहनों ने भाइयों की लंबी आयु की कामना की, जबकि भाइयों ने बहनों को उपहार देकर उनके सुखमय जीवन की प्रार्थना की।

दिनभर बाजार में रही चहल पहल, मंदिरों में हुआ पूजा-पाठ

रक्षाबंधन के अवसर पर बाजारों में खास चहल-पहल रही। उपहार, मिठाई और राखी खरीदने के लिए दुकानों पर भीड़ उमड़ी रही। हर गली और मोहल्ले में राखी और मिठाई की दुकानों की सजावट ने त्योहार की रौनक को और बढ़ा दिया। खासकर बच्चों में इस त्योहार को लेकर खास उत्साह देखा गया। उन्होंने रंग-बिरंगी पोशाकें पहनीं और राखी बंधवाकर मौज-मस्ती की।

मंदिरों में भी पूजा-पाठ का विशेष आयोजन हुआ। बहनों ने मंदिरों में जाकर भाइयों की लंबी आयु की प्रार्थना की और देवताओं से उनके सुख-समृद्धि की कामना की।

जेल में भाइयों से मांगा अच्छा इंसान बनने का उपहार

इस पवित्र पर्व ने जेल की दीवारों को भी भावनाओं से भर दिया। बड़ी संख्या में महिलाएं और लड़कियां अपने भाइयों को राखी बांधने जेल पहुंचीं। जेल प्रशासन ने भी इस पर्व की भावना को देखते हुए अपने नियमों में ढील दी। जेल अधीक्षक अंकेक्षिता श्रीवास्तव ने बताया कि किसी भी बहन को मायूस नहीं लौटाया गया। बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी और उनसे बुराइयों का त्याग कर अच्छा इंसान बनने का वचन मांगा।

रक्षाबंधन का यह पर्व, जो प्रेम, स्नेह और भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक है, हर साल की तरह इस बार भी धूमधाम से मनाया गया, और इसमें समाज के हर तबके ने अपनी सहभागिता दिखाई।

Basti News: “दुरुस्त कराने के लिए लौटाए गए 19 स्कूली वाहन, जानें क्या थी कमियां”

Related Articles

- Advertisement -

Latest Articles