मुंबई/एजेंसी
अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (Adani Ports & SEZ) के शेयरों में गिरावट लगातार जारी है। ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध का असर अडानी पोर्ट्स के शेयरों पर साफ नजर आ रहा है। गुरुवार को जंग का सातवां दिन था और अडानी पोर्ट्स के शेयर लगातार सात दिनों से गिरते जा रहे हैं। दरअसल, निवेशक इस बात को लेकर चिंतित हैं कि मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव के बीच अडानी का इजरायल में मौजूद हाइफा पोर्ट कितना सुरक्षित रहेगा। जंग की शुरुआत के बाद से ही दोनों देश एक-दूसरे पर मिसाइल और ड्रोन से लगातार हमले कर रहे हैं। अब तक ईरान ने इजरायल पर 400 से ज्यादा मिसाइलें और सैकड़ों ड्रोन दागे हैं।
ईरान के हमलों से बढ़ी चिंता
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बताया कि ईरान के हमलों में अब तक 24 इजरायली नागरिकों की मौत हो चुकी है और 800 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। हालात इतने खराब हैं कि 3,800 से ज्यादा लोगों को संवेदनशील इलाकों से हटाया जा चुका है। कुछ दिन पहले ईरान ने इजरायल के हाइफा पोर्ट और उसके पास की एक रिफाइनरी को भी निशाना बनाया था। ऐसे में सवाल उठता है कि इस पूरे विवाद का असर अडानी पोर्ट्स पर क्यों पड़ रहा है?
क्यों टूट रहे हैं अडानी पोर्ट्स के शेयर?
अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APEZ) ने जनवरी 2023 में इजरायल की कंपनी गैडोट ग्रुप के साथ मिलकर करीब 1.18 अरब डॉलर में हाइफा पोर्ट की 70% हिस्सेदारी खरीदी थी। यह पोर्ट इजरायल के सबसे अहम बंदरगाहों में से एक है। अब जब वहां जंग चल रही है और यह इलाका खतरे में है, तो निवेशकों को नुकसान की चिंता सता रही है, जिसकी वजह से शेयरों में लगातार गिरावट आ रही है।
अब निवेशकों को इस बात की चिंता सता रही है कि अगर ईरान हाइफा पोर्ट पर हमला करता है, तो वहां का कामकाज ठप हो सकता है। इससे व्यापार रुक सकता है और करोड़ों रुपये का नुकसान हो सकता है। हालांकि, अडानी ग्रुप के मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) ने साफ तौर पर कहा है कि हाइफा पोर्ट पर चल रहे विवाद का कोई असर नहीं पड़ा है और पोर्ट पूरी तरह से सामान्य तरीके से काम कर रहा है।
इधर निवेशकों के बीच इतना डर फैल गया है कि सिर्फ पिछले पांच दिनों में ही अडानी पोर्ट्स के शेयरों में 6% से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है। हालांकि, अगर बीते छह महीनों की बात करें तो कंपनी के शेयरों में 13% से ज्यादा की बढ़त भी देखने को मिली है। वहीं, पिछले एक साल में इसके शेयर करीब 5% तक गिर चुके हैं। यानी अडानी पोर्ट्स के शेयरों में कभी तेजी तो कभी गिरावट का सिलसिला लगातार बना हुआ है।