ज्ञान सरोवर विद्या मंदिर मोहद्दीनपुर खलीलाबाद में आयोजित चरित्र निर्माण शिविर का आज भव्य समापन हुआ। इस अवसर पर शिविर सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार आर्य वीर सत्यम आर्य को प्रदान किया गया। शारीरिक में प्रथम सुमित विश्वकर्मा द्वितीय और तृतीय स्थान पर क्रमशः आर्यवीर उज्जवल कुमार और शिवम कुमार रही। बौद्धिक में आर्य वीर वैभव, आशीष और अभ्यांशु ने क्रमशः प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया। अनुशासन में आर्य वीर अमर गोस्वामी, उत्कर्ष गुप्ता और मृत्युंजय आर्य को क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जे पी आर्य ने कहा कि आर्य वीर दल का जन्म ही देश का अज्ञान, अभाव और अन्याय समाप्त करके सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए हुआ है और संस्था निरन्तर जनसेवा के कार्य में लगा हुआ है। हमें अपने युवाओं की भागीदारी से देश में एक उत्तम परिवर्तन ला सकते हैं।
विशिष्ट अतिथि प्रमोद कुमार आर्षेय ने कहा कि शिक्षा जब संस्कारी होती है तो उसका मूल्य बढ़ जाता है। आर्य वीर दल अपने उददेश्यों को पूर्ण करने के लिए कृण्वंतो विश्वमार्यम के ध्येय वाक्य पर काम कर रहा है।
ओम प्रकाश आर्य संरक्षक आर्य वीर दल पूर्वी उत्तर प्रदेश ने कहा कि जिले के हर घर के बच्चे तक आर्य वीर दल पहुंचेगा और उन्हें अपनी वैदिक संस्कृति के मान सम्मान के लिए प्रेरित करेगा।
विद्यालय के प्रबंधक अशोक मौर्य ने कहा कि शिक्षा का प्रारम्भ चरित्र निर्माण से ही होता है जो आगे जाकर राष्ट्ररक्षक नागरिक में बदल देता है।
आचार्य शैलेन्द्र ने कहा कि आज के चरित्रवान बच्चे ही कल के सुयोग्य नागरिक बन सकते हैं। आचार्य शुचिशद मुनि ने बच्चों को आर्य वीर दल का महत्व बताते हुए कहा कि आर्य वीर दल हमेशा से देश को चरित्रवान नागरिक सौंपने का कार्य कर रहा है।
इस अवसर पर सार्वदेशिक आर्य वीर दल के प्रशिक्षक राहुल आर्य, सत्यप्रिय आर्य और राम तनय आर्य के नेतृत्व में बच्चों ने सूर्य नमस्कार, भूमि नमस्कार, जूडो कराटे, लाठी, स्तूप, डंबल, लेजियम का प्रदर्शन किया जिसे देखकर अभिभावक भाव विभोर हो गए।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए ओम प्रकाश आर्य और आचार्य देवव्रत आर्य ने कहा कि जिले के सभी ब्लाकों में ऐसे चरित्र निर्माण शिविर लगाये जायेंगे।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रवेश चन्द्र ने चरित्र निर्माण प्रशिक्षण शिविर लगाने के लिए आर्य समाज और आर्य वीर दल के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर सामूहिक सहभोज का आयोजन हुआ और अतिथियों द्वारा बच्चों को पुरस्कार वितरण किया गया। इस कार्यक्रम में गरुण ध्वज पाण्डेय, आयुष आर्य, अजीत कुमार पान्डेय सीताराम आर्य, राज रतन सेन सिंह, प्रेम मुनि, डा धर्मेन्द्र सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
आचार्य देवव्रत आर्य