ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 की रिपोर्ट की गई जारी, जानिए क्या है भारत की रैंकिंग?

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023: हमारे भारत देश में भूखे गरीबों की संख्या बढ़ गई है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 की न्यू रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि करते हुए चिंता जताई गई हैं। आइए आपको इस Article के बारे ने सारी जानकारी को बताने का प्रयास करते है।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023: 2023 की ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट में भारत देश की रैंकिंग और खराब हो गई है, भारत देश अब 125 देशों में से 111वें स्थान पर चला गया है. यह पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष गिरावट देखी जाती है जब भारत की रैंकिंग 107 थी इस रिपोर्ट पर भारतीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने असहमति जताई है. इस रिपोर्ट की वैधता और विश्वसनीयता को जानने और समझने के लिए, इसे दर्शाने वाली कार्यप्रणाली और मापदंडों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।

अब तक यह रिपोर्ट 16 बार हो चुकी है प्रकाशित :-

यूरोपीय गैर-सरकारी संगठनों के एक संघ द्वारा ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 को इस तैयार किया गया है। इस ग्लोबल हंगर इंडेक्स को सामूहिक रूप से एलायंस 2015 के रूप में जाना जाता है. इसका नेतृत्व करने वाले दो प्रमुख संगठन आयरलैंड से कंसर्न वर्ल्ड वाइड और जर्मनी से वेल्थुंगरहिल्फे हैं।

अभी तक यह रिपोर्ट लगभग 16 बार प्रकाशित हो चुकी है, इस इंडेक्स की शुरुआत वर्ष 2000 में हुई थी. इस सूचकांक को संकलित करने में यह संगठन अपने कार्य को सावधानीपूर्वक करता है, यह संगठन इस बात का दावा भी करता है । वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय पैमाने पर यह इंडेक्स भूख का आकलन करने के लिए विभिन्न मैट्रिक्स को नियोजित करता है, जिससे आधार बनता है।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 में लगातार पिछड़ रहा है भारत :-

ग्लोबल हंगर इंडेक्स तीन स्तरों पर विस्तारित किया गया है: वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय.इस रेटिंग की गणना के लिए कुल 100 अंक निर्धारित किया जाता हैं, जिसके फलस्वरूप इसका स्कोर 0 और 100 के मध्य में होता है।इस ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 की रिपोर्ट में 125 देशों का डेटा शामिल है।

अधिक अनुकूल स्थिति का संकेत यह है कि उस देश का स्कोर कम होना चाहिए जबकि कम अनुकूल स्थिति का संकेत यह है कि उस देश का स्कोर उच्च होना चाहिए .2023 की इस रिपोर्ट में भारत का स्कोर 28.7 है। आपको बता दे कि भारत इस सूचकांक में कई वर्षों से लगातार पिछड़ते ही जा रहा है. पिछले साल 2022 में भारत की रैंकिंग 107वें स्थान पर था और साल 2021 में 101वें स्थान पर रहा।

बड़ी संख्या मे भारत की महिलाएं एनीमिया से पीड़ित है, महिलाओ में एनीमिया खून की कमी को दर्शाता है. इस रिपोर्ट में भी चिंता जाहिर किया गया है, जिससे यह पता चलता है कि एनीमिया दर 15 से 24 वर्ष की लड़कियों में 58.1 प्रतिशत है. इस मुद्दे का डायरेक्ट असर नवजात शिशु पर पड़ता है. इससे एक कमज़ोर मां के कुपोषित संतान को जन्म देने की संभावना अधिक रहती है। और यदि मां की आयु कम है, जैसे- कि किशोरावस्था के दौरान तो बच्चों के कम वजन के पैदा होने की संभावना ज्यादा होती है।

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