बस्ती: जल निगम की टीम द्वारा खुद के खोदे गड्ढे भरने का मामला आया सामने, जाने पूरा मामला

बस्ती। जल जीवन मिशन के तहत खोदे गए गड्ढों को ग्रामीण जल निगम के इंजीनियरों ने भरवाना शुरू कर दिया है। इससे इन मार्गों से जुड़े सैकड़ों गांवों के राहगीरों का आवागमन सुगम हो जाएगा।

पाइपलाइन बिछाने के लिए खोदाई

इस योजना के तहत पाइपलाइन बिछाने के लिए वाल्टरगंज-बभनान मार्ग, कप्तानगंज के भिउरा, हर्रैया-बभनान मार्ग, परसा-परशुरामपुर मार्ग, रामजानकी मार्ग, और बस्ती-महुली मार्ग की पटरियों पर कई जगह खोदाई की गई थी। इसे वैसे ही छोड़ दिया गया था, जिससे सड़क के किनारे तीन से पांच फीट गहरे गड्ढों ने राहगीरों की समस्याएं बढ़ा दी थीं। इन गड्ढों में फंसकर कई राहगीर हादसों का शिकार हो रहे थे।

राहगीरों की शिकायत और प्रशासनिक कार्रवाई

राहगीरों ने इस समस्या की शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों और ग्रामीण जल निगम के इंजीनियरों से की थी। इस मुद्दे को अमर उजाला ने 10 जून के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था। खबर का संज्ञान लेते हुए ग्रामीण जल निगम के अधिशासी अभियंता और प्रभारी एसई जनार्दन सिंह ने सहायक अभियंताओं की अगुवाई में अवर अभियंताओं को तुरंत गड्ढे भरवाने के निर्देश दिए।

गड्ढों को भरने का कार्य

इंजीनियरों ने जेसीबी और मजदूरों की मदद से गड्ढों को भरवाना शुरू कर दिया है और कुछ को भर भी दिया है। एक्सईएन जनार्दन सिंह ने बताया कि कुछ मार्गों के गड्ढे भर दिए गए हैं और बाकी पर अभियंताओं की टीम काम कर रही है।

शहर के गड्ढों की स्थिति जस की तस

शहर के मोहल्लों में खोदे गए गड्ढों का अब भी कोई सुधार नहीं हुआ है। भूअर निरंजनपुर में टेंट हाउस गली में 10-10 फीट पर गड्ढे खोदकर मिट्टी डालकर छोड़ दिए गए हैं। इंटरलॉकिंग रोड तोड़कर पाइप डाल दिए गए हैं, लेकिन गड्ढे नहीं भरे गए हैं। बारिश के पानी भरने के बाद राहगीरों को पता नहीं चलता कि कहां-कहां गड्ढे हैं, जिससे आए दिन गाड़ियां फंसती हैं और बाइक सवार गिर जाते हैं।

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