कौन बनेगा लखीमपुर खीरी के गन्ना किसानों का मसीहा

लखीमपुर खीरी: जिले के गन्ना किसानों का बजाज हिंदुस्तान लिमिटेड पर 461 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान न होने के कारण उन्हें कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। तीन यूनिट्स में काम करने वाले इन किसानों का आरोप है कि चीनी मिलों द्वारा उनके भुगतान को लगातार रोका जा रहा है, जिसके कारण उनके लिए अपने परिवार की बुनियादी जरूरतें पूरी करना मुश्किल हो गया है।

आर्थिक तंगी ने बढ़ाई किसानों की मुश्किलें

गन्ना किसानों का कहना है कि चीनी मिलों में उनका भुगतान रुका होने के कारण उनके सामने कई गंभीर समस्याएं खड़ी हो गई हैं। न केवल उनके बच्चों की स्कूल फीस भरना मुश्किल हो रहा है, बल्कि बैंकों से लिया गया ऋण चुकाने में भी दिक्कत आ रही है। दिवाली जैसे त्योहार में भी आर्थिक संकट ने उनके घर की खुशियों को फीका कर दिया है। इस तंगी के कारण किसानों को अपनी जरूरतों को भी दरकिनार कर जीने को मजबूर होना पड़ रहा है।

आशा भरी निगाहें राजनीतिक प्रतिनिधियों की ओर

किसानों का कहना है कि बजाज हिंदुस्तान लिमिटेड की चीनी मिलों द्वारा उनके खून-पसीने की कमाई पर कुंडली मारकर बैठ जाने से उनका धैर्य अब जवाब दे रहा है। वे अब अपने राजनीतिक प्रतिनिधियों की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं, कि शायद कोई मसीहा उनकी मदद के लिए सामने आए। किसानों को उम्मीद है कि उनके प्रतिनिधि मिल मालिकों पर दबाव बनाकर जल्द से जल्द उनके बकाया का भुगतान कराएंगे।

स्थानीय प्रशासन और सरकार से मांग

गन्ना किसानों ने स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार से अपील की है कि वे उनकी इस गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए उचित कदम उठाएं। किसानों ने यह भी मांग की है कि चीनी मिलों के मालिकों को जवाबदेह ठहराया जाए और उनका बकाया जल्द से जल्द दिया जाए।

क्या होगा अगला कदम?

इस मुद्दे ने जिले में हड़कंप मचा दिया है। सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन और सरकार इन गन्ना किसानों की पीड़ा को समझकर उनके पक्ष में ठोस कदम उठाएंगे, या फिर यह मामला केवल कागजों तक ही सीमित रह जाएगा।

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