बस्ती, 1 मई 2025: अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर जनपद बस्ती में मिड-डे मील रसोइया कर्मचारी यूनियन (CIT-020) द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया गया। यूनियन ने 16 सूत्रीय मांगपत्र जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से भारत सरकार को संबोधित करते हुए सौंपा और श्रमिकों के अधिकारों की बहाली की मांग की।
यूनियन की प्रमुख मांगों में श्रमिक विरोधी चार श्रम संहिताओं को रद्द करना, संविदा प्रथा समाप्त कर सभी योजना श्रमिकों को नियमित करना, प्रदेश में बिजली के निजीकरण को रोकना, और न्यूनतम ₹26,000 वेतन सुनिश्चित करना शामिल है। इसके अलावा यूनियन ने मांग की कि प्राथमिक विद्यालयों को छात्र संख्या के आधार पर बंद करने की नीति को खत्म किया जाए और रसोइयों को सालभर का मानदेय नियमित रूप से दिया जाए।
यूनियन की प्रमुख मांगें:
- सभी योजना श्रमिकों को नियमित किया जाए
- मिड-डे मील रसोइयों को 12 महीने का मानदेय और प्रशिक्षण की व्यवस्था
- कार्यस्थल दुर्घटना की स्थिति में मुफ्त इलाज और मृत्यु पर ₹10 लाख का मुआवजा
- सेवानिवृत्ति के बाद ₹10,000 मासिक पेंशन और 60 वर्ष तक सेवा की अनुमति
- इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश अनुसार न्यूनतम वेतन लागू किया जाए
- भोजन योजना का निजीकरण रोका जाए
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को अनसुना किया गया तो आगामी चुनावों में सरकार को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। यूनियन ने कहा कि रसोइया मंच बनाकर राज्यभर में आंदोलन तेज किया जाएगा।
कार्यक्रम शांतिपूर्ण रहा और प्रशासन ने यूनियन के मांगपत्र को स्वीकार करते हुए उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।