बस्ती, 4 जुलाई: बुधवार का दिन बस्ती शहर के लिए सबसे कठिन साबित हुआ। गांधीनगर और बड़ेवन उपकेंद्र की 33 केवीए लाइन पर पेड़ गिरने के कारण करीब 14 घंटे तक बिजली आपूर्ति बाधित रही। इस घटना से शहर की लगभग डेढ़ लाख आबादी प्रभावित हुई, और पेयजल की भारी किल्लत हो गई। सरकारी दफ्तरों में कामकाज ठप हो गया और लोगों को अपने घरों में भीषण असुविधा का सामना करना पड़ा।
घटना का विवरण
पिछले तीन दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण शहर की बिजली आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। कहीं पेड़ों की डालियों के लाइन से टकराने के कारण फीडर ट्रिप हो रहे हैं, तो कहीं सीधे पेड़ ही गिर जा रहे हैं। बुधवार की सुबह गांधीनगर उपकेंद्र की 33 केवीए लाइन पर सिविल लाइंस में महाराणा प्रताप चौराहे के पास एक विशाल पेड़ गिर गया। इससे पॉश इलाके सिविल लाइंस, आवास विकास, कचहरी, कोर्ट, गांधीनगर, महरीखांवा, तुर्कहिया, ब्लॉक रोड, मालवीय रोड और बैरिहवा समेत कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई।
पानी की किल्लत और नागरिकों की मुश्किलें
बिजली के अभाव में आधे शहर में पानी की भारी किल्लत हो गई। घरों के इन्वर्टर डिस्चार्ज हो गए और लोग पानी के लिए तरस गए। शहरवासी लाइन की मरम्मत के लिए दिनभर महाराणा प्रताप चौराहे पर ही खड़े रहे। इसी तरह की स्थिति बड़ेवन उपकेंद्र में भी देखने को मिली, जहां महरीपुर में पेड़ गिरने से दो खंभे टूट गए और तीन खंभों का क्रॉस आर्म और इंसुलेटर क्षतिग्रस्त हो गया।
मरम्मत कार्य और अस्थायी समाधान
गांधीनगर उपकेंद्र से टैप करके बड़ेवन उपकेंद्र को चलाया गया। अधिशासी अभियंता मनोज कुमार सिंह ने बताया कि पूरे दिन गांधीनगर की लाइन में सुधार कार्य में व्यस्त रहा। बारिश और थकान के कारण बड़ेवन की लाइन को दुरुस्त नहीं किया जा सका। रात 10 बजे तक इसे ठीक करने का प्रयास किया गया और आपूर्ति को सामान्य करने की कोशिश की गई।
यातायात पर असर
महाराणा प्रताप चौराहे पर गिरे विशाल पेड़ का कुछ हिस्सा सुबह 11 बजे तक हटाया जा सका। तब तक महुली मार्ग से शहर आने वाले राहगीरों को वापस लौटना पड़ा। उन्हें सोनूपार चौराहे से रामपुर मेडिकल कॉलेज रोड होते हुए शहर आना पड़ा।
यह घटना स्पष्ट रूप से बताती है कि बिजली आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने की आवश्यकता है, ताकि इस प्रकार की असुविधाओं से शहरवासियों को बचाया जा सके।