बस्ती। राजभवन बस्ती द्वारा बस्ती जिले के संगठनों के साथ मिलकर किए जा रहे राममय हुई वशिष्ठ नगरी कार्यक्रम के अंतर्गत प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजमाता आशिमा सिंह ने बताया कि विश्व को राम देने के लिए वशिष्ठ की धरती बस्ती को ही त्याग तपस्या करनी होगी। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि आज यह संपूर्ण ब्रह्मांड राममय हो रहा है, तब हमारे लिए नितांत आवश्यक हो जाता है कि उस स्थान के आत्म गौरव को जागृत करना जिसे राजा दशरथ को मर्यादा पुरुषोत्तम राम, कर्तव्य निष्ठ तेजस्वी लक्ष्मण, धर्मनिष्ठ निस्वार्थ भरत, एवं आज्ञाकारी शत्रुघ्न जैसे पुत्र दिए। कौशल्या सुमित्रा और कैकेयी को यही के अन्न, जल एवं फल ने वह शक्ति दी कि ऐसे तपस्वी एवं तेजस्वी बालकों को अपने गर्भ में धारण कर सकें। राम अपना बाल्य काल अयोध्या में विताकर पुनः शिक्षा ग्रहण करने गुरु वशिष्ट के पास इसी स्थान पर आए।
अतः यह वशिष्ठ की तपोभूमि वह स्थान है जिसके पास अयोध्या को न केवल संतति वरन उस संतति को शिक्षित करने का भी गौरव प्राप्त है। कहा कि यदि भारत को विश्व गुरु बनाने का गौरव प्राप्त करना है तो प्रथम प्रणाम इस नगर को करना होगा परंतु श्रद्धा की अपेक्षा करने से पूर्व हमें अपनी आत्म शक्ति को पुनः सुदृढ़ करना होगा और इस योग्य बनना होगा कि हम अपने सत्कर्मों से विश्व को भौतिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक ज्ञान देने में समर्थ हो सके। महाराज दशरथ ने ही नही, दशानन ने भी यहीं पर आकर तप किया और भदेश्वर नाथ का शिवलिंग स्थापित करके भगवान शंकर से शक्ति मांगी। जनक नंदिनी को प्रभु इसी मार्ग से लेकर आए और अयोध्या में पदार्पण के पूर्व उन्होंने यही विश्राम किया। पवन पुत्र भी संजीवनी लेकर इसी द्वारा से गए तथा लंकापति रावण से युद्ध का वृतांत उन्होंने भारत को यही सुनाया।

आगामी कार्यक्रमों की जाकारी देते हुए बताया कि 21 तारीख से अखंड रामायण रामचरितमानस पाठ प्रारंभ हो जाएगा। कहा कि हमें हर्ष है की बस्ती की अधिकांश सामाजिक संस्थाएं एकजुट होकर कार्य कर रही हैं विश्व हिंदू परिषद विश्व हिंदू महासंघ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आर्य समाज चित्रांश क्लब, रोटरी क्लब, संस्कार भारती मारवाड़ी महिला संघ,भारत विकास परिषद, प्रगतिशील महिला मोर्चा, सत्संग की अलग-अलग कई टोलियां हम हमारे साथ हैं। 22 तारीख को रामायण के समापन के उपरांत 11:00 बजे दिन से हमारा सोहरगान एवं भजन व मंचन कार्यक्रम प्रारंभ होगा तथा इस समय गायत्री शक्तिपीठ से शोभायात्रा निकलेगी जिसका राज भवन स्थित राम जानकी मंदिर में भव्य स्वागत किया जाएगा और हम सब एक साथ मिलकर शंखनाद करेंगे हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि हमारी भक्ति आने वाली पीढियां के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगी।
गरुण ध्वज पाण्डेय।