बस्ती। महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा इकाई ओपेक अस्पताल, कैली में पहली बार लिंग कैंसर का सफल ऑपरेशन किया गया। 57 वर्षीय मरीज, जो मुंडेरवा क्षेत्र का निवासी है, को गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने तीन घंटे के जटिल ऑपरेशन में कैंसर प्रभावित लिंग और दोनों अंडकोश को बाहर निकालकर मरीज की जान बचाई और पेशाब के लिए नया रास्ता बनाया।
पहली बार पेनाइल कैंसर का केस
मरीज को लिंग में सूजन, गांठ और जख्म की समस्या थी, जिससे उसे काफी असुविधा हो रही थी। बायोप्सी की जांच के बाद पता चला कि वह दुर्लभ पेनाइल कैंसर से पीड़ित है। सर्जन डॉ. डीके पाल और उनकी टीम ने मरीज की बिगड़ती हालत को देखते हुए तुरंत ऑपरेशन का फैसला लिया। परिवार के लिए यह बीमारी नई थी, और इसे सुनकर वे चकित रह गए। हालांकि, डॉक्टरों ने आश्वासन दिया कि यह इलाज योग्य है।
ऑपरेशन की जटिल प्रक्रिया

इस तीन घंटे के ऑपरेशन में कैंसर प्रभावित लिंग और दोनों अंडकोश को सफलतापूर्वक हटाया गया। इसके बाद मरीज के पेशाब के लिए एक नया रास्ता बनाया गया। यह ऑपरेशन महंगे निजी अस्पतालों में लगभग दो लाख रुपये तक का खर्च कर सकता था, लेकिन ओपेक अस्पताल में यह निशुल्क किया गया।
टीम की सराहना
ऑपरेशन में सर्जरी विभाग के डॉ. डीके पाल के साथ एनस्थिसिया विशेषज्ञ नेहा सिंह, अभिषेक बरनवाल, स्टाफ नर्स कलावती और मंतोष ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीम को पेनाइल कैंसर का सफल ऑपरेशन करने पर बधाई दी गई।
पेनाइल कैंसर और इसके लक्षण
डॉक्टरों के अनुसार, पेनाइल कैंसर बहुत दुर्लभ होता है और लगभग एक लाख लोगों में से किसी एक को ही यह बीमारी होती है। इस बीमारी के प्रमुख कारणों में निजी अंगों की साफ-सफाई न रखना और यौन संचारित रोग (एसटीडी) से होने वाला संक्रमण शामिल हैं। इसके लक्षणों में शामिल हैं:
- प्राइवेट पार्ट से खून आना
- प्राइवेट पार्ट या उसके आसपास गांठ का महसूस होना
- फोड़े (अल्सरेशन) का बनना
- टेस्टिस के आकार में बदलाव
मरीज अब स्वस्थ है और उसके सैंपल्स को आगे की जांच के लिए नोएडा लैब भेजा गया है। डॉक्टरों ने पेनाइल कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने की जरूरत पर जोर दिया ताकि शुरुआती लक्षणों को पहचाना जा सके और समय रहते इलाज किया जा सके।
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