बस्ती। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में बुधवार को लगातार तीसरे दिन भी शिक्षक और कर्मचारियों ने ऑनलाइन हाजिरी नहीं लगाई। उन्होंने रजिस्टर पर हस्ताक्षर किया। इस पर बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने कड़ी कार्रवाई करते हुए ‘नो वर्क, नो पे’ के आधार पर 164 कर्मचारियों की सैलरी काटने के निर्देश दिए हैं।
शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया:
बीएसए ने बताया कि ऑनलाइन हाजिरी न लगाने वाले कर्मचारियों को ‘नो वर्क, नो पे’ के तहत वेतन काटने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा, “शिक्षा विभाग के नियमों और अनुशासन का पालन करना अनिवार्य है, और जो कर्मचारी इसका उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
डीसी कस्तूरबा अमित मिश्रा का बयान:
डीसी कस्तूरबा अमित मिश्रा ने बताया कि कस्तूरबा विद्यालयों में कार्यरत कर्मियों को नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा, “ऑनलाइन उपस्थिति न लगाने पर ‘नो वर्क, नो पे’ के आधार पर इन कर्मियों का मानदेय काटा गया है। यह निर्णय विद्यालयों में अनुशासन और नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।”
कस्तूरबा विद्यालयों का विवरण:
जिले के 13 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में कुल 170 कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें वार्डन, शिक्षिकाएं और अन्य कर्मचारी शामिल हैं। इन सभी कर्मचारियों को ऑनलाइन हाजिरी लगाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन 22 जुलाई से कर्मचारियों ने ऑनलाइन हाजिरी न लगाने की घोषणा की थी।
कर्मचारियों की नाराजगी और विरोध:
कर्मचारियों का कहना है कि उनकी कई मांगें अभी तक पूरी नहीं हुई हैं, जिसके कारण वे ऑनलाइन हाजिरी लगाने से मना कर रहे हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग पर आरोप लगाया है कि उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। कर्मचारियों ने यह भी कहा कि वे तब तक ऑनलाइन हाजिरी नहीं लगाएंगे जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं।
शिक्षा विभाग का पक्ष:
शिक्षा विभाग का कहना है कि कर्मचारियों की मांगों को लेकर वे गंभीर हैं और समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन अनुशासन और नियमों का पालन करना भी आवश्यक है। विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जो कर्मचारी नियमों का उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कर्मचारियों की मांगें:
कर्मचारियों ने अपनी प्रमुख मांगों को भी उजागर किया है। उनकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
- सैलरी में बढ़ोतरी: कर्मचारियों का कहना है कि उनकी सैलरी बहुत कम है और इसे बढ़ाने की जरूरत है।
- काम के घंटों में कमी: कर्मचारियों का कहना है कि वे लंबे समय तक काम कर रहे हैं और उन्हें समय पर छुट्टी नहीं मिलती।
- सुविधाओं में सुधार: कर्मचारियों ने विद्यालयों में बेहतर सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की है।
आगे की रणनीति:
कर्मचारियों ने स्पष्ट किया है कि वे अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं और यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे आगे की रणनीति पर विचार करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो वे हड़ताल पर भी जा सके ।