बस्ती। जिला उपभोक्ता आयोग ने वाहन में निर्माण संबंधी खामियों को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है। अध्यक्ष न्यायाधीश अमरजीत वर्मा और सदस्य अजय प्रकाश सिंह ने वाहन स्वामी की शिकायत पर हुंडई कंपनी को आदेश दिया है कि ग्राहक को इस मॉडल का नया वाहन उपलब्ध कराया जाए या उनकी संतुष्टि के आधार पर वाहन की मरम्मत की जाए। इसके अलावा, मानसिक और शारीरिक कष्ट के लिए 1,95,000 रुपये क्षतिपूर्ति और 12 प्रतिशत ब्याज देने का भी निर्देश दिया गया है।
क्या है मामला?
कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला हवेली खास निवासी अलका श्रीवास्तव ने 13 अगस्त 2020 को हुंडई कंपनी की एक कार खरीदी थी। खरीद के कुछ दिनों बाद ही वाहन में खराबी आ गई। गियर बदलते समय वाहन झटका देने लगा, जिससे वाहन चलाना मुश्किल हो गया। इस संबंध में अलका श्रीवास्तव ने उपभोक्ता आयोग में परिवाद दाखिल किया।
कंपनी ने नहीं दिया जवाब
शिकायत दर्ज होने के बाद कंपनी की ओर से अदालत में कोई भी प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हुआ। उपभोक्ता आयोग ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और प्रस्तुत तथ्यों का अध्ययन करने के बाद माना कि वाहन में निर्माण संबंधित त्रुटि है।
आदेश में क्या कहा गया?
अदालत ने निर्देश दिया है कि यदि वाहन की मरम्मत संभव हो, तो परिवादिनी की संतुष्टि के आधार पर मरम्मत कर वाहन उन्हें सौंपा जाए। यदि ऐसा संभव नहीं है, तो इस मॉडल का नया वाहन दिया जाए। इसके साथ ही, मानसिक और शारीरिक कष्ट की भरपाई के लिए 1,95,000 रुपये क्षतिपूर्ति दी जाए। अदालत ने इस राशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी देने का आदेश दिया है।
ग्राहकों के लिए राहत भरा फैसला
इस निर्णय को उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह फैसला कंपनियों को उपभोक्ताओं की शिकायतों को गंभीरता से लेने और गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदान करने की याद दिलाता है।