कोविड के बाद ओपीडी में मरीजों की सबसे ज्यादा भीड़!

बस्ती। सोमवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में रिकॉर्ड संख्या में मरीजों का पंजीकरण हुआ, जहां कुल 1351 मरीजों ने अपना ऑनलाइन पंजीयन कराया। कोविड काल के बाद पहली बार इतनी बड़ी संख्या में मरीज एक ही दिन में ओपीडी पहुंचे। अधिकतर मरीजों को वायरल बुखार, मलेरिया, निमोनिया और अन्य मौसमी बीमारियों की शिकायत थी। इसके अलावा दाद, खुजली और नेत्र संक्रमण के भी कई मामले देखने को मिले। ओपीडी में मरीजों और तीमारदारों की भीड़ ठसाठस भरी रही, और मेडिसिन विभाग में सबसे ज्यादा मरीज पहुंचे।

बदलते मौसम से बढ़ी बीमारियां

मौसम में हो रहे उतार-चढ़ाव के कारण बुजुर्ग, बच्चे और युवा सभी बीमार पड़ रहे हैं। सुबह-शाम हल्की ठंडक और दिन में बढ़ती उमस और तेज धूप के कारण लोग संक्रमित हो रहे हैं। इन दिनों वायरल संक्रमण तेजी से फैल रहा है, जिसमें दो-तीन दिनों तक हल्का बुखार होता है, जो बाद में निमोनिया, मलेरिया या टाइफाइड का रूप ले लेता है। यह बीमारी लोगों को कमजोर कर दे रही है, जिससे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित हो रही है।

सोमवार को सबसे ज्यादा मरीज

रविवार की साप्ताहिक छुट्टी के बाद जब सोमवार को अस्पताल खुला, तो ओपीडी में मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक कुल 1351 मरीजों का पंजीकरण हुआ। इससे पहले इसी महीने 9 सितंबर को 1273 मरीज ओपीडी में पहुंचे थे, लेकिन सोमवार को यह संख्या पार हो गई। इस बढ़ी हुई संख्या के चलते डॉक्टरों को मरीजों की देखभाल के लिए अधिक समय देना पड़ा।

मेडिसिन और बाल रोग विभाग में सबसे ज्यादा भीड़

मेडिसिन विभाग में मरीजों की सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिली। डॉ. अंकित चतुर्वेदी और डॉ. रामजी सोनी ने पूरे दिन मलेरिया और बुखार से पीड़ित मरीजों का इलाज किया। डॉ. अंकित चतुर्वेदी ने बताया कि ये मौसमी बीमारियां हैं और सावधानी बरतने से इन्हें रोका जा सकता है। उन्होंने लोगों को अपने घर और आस-पास की सफाई बनाए रखने, मच्छरों से बचने और उबला हुआ पानी पीने की सलाह दी। उनका कहना है कि यह बीमारी ठीक होने में करीब एक सप्ताह का समय लेती है। यदि किसी को बदन दर्द और बुखार हो तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

बाल रोग विभाग में भी मरीजों की संख्या काफी ज्यादा रही। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सरफराज ने बताया कि हाईग्रेड फीवर से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ रही है। रोज़ाना 4 से 6 बच्चों को भर्ती करना पड़ रहा है। इसके अलावा, आंखों में संक्रमण के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। धूल-मिट्टी के संपर्क में आने से आंखों में लाली, खुजली और पलकों पर सूजन की समस्या सामने आ रही है, जिसके चलते नेत्र रोग विभाग में भी मरीजों की संख्या सामान्य दिनों से अधिक रही।

अस्पताल की तैयारियां

अस्पताल प्रशासन ने मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सभी विभागों को हाई अलर्ट पर रखा है। ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक सभी चिकित्सक पूरी मुस्तैदी से काम कर रहे हैं। अस्पताल के एसआईसी डॉ. वीके सोनकर ने कहा, “अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ रही है, इसलिए सभी चिकित्सकों को सतर्क कर दिया गया है। दवाओं की भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।”

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