गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती !

गुरु नानक देव जी, सिख धर्म के पहले गुरु और एक महान धार्मिक नेता थे, जिनका जन्म 15 अप्रैल 1469 को राय भोई की ताल, पंजाब (अब पाकिस्तान में) हुआ था। गुरु नानक देव जी का जीवन और उपदेश आज भी लाखों लोगों के दिलों में जीवित हैं, और उनका संदेश आज भी समाज में गूंजता है।

गुरु नानक देव जी का प्रमुख संदेश

गुरु नानक देव जी का संदेश था कि ईश्वर एक है, और सभी मनुष्यों को समान अधिकार प्राप्त है। वे जाति, धर्म, और रंग-भेद से ऊपर उठकर सभी को समान दृष्टि से देखने की शिक्षा देते थे। उनके उपदेशों में सच्चाई, प्रेम और अहिंसा का प्रमुख स्थान था, और उन्होंने अपने जीवन में असमानताओं और भेदभाव के खिलाफ संघर्ष किया।

गुरु नानक देव जी की शिक्षा: “नानक नाम चढ़दी कला”

गुरु नानक देव जी हमेशा कहते थे, “नानक नाम चढ़दी कला, तिरे भाने सरबत दा भला,” अर्थात “गुरु नानक का नाम ऊंचाई पर बढ़े, और उनकी इच्छा से पूरे समाज का भला हो।” उनके ये शब्द न केवल उनके अनुयायियों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा देने वाले हैं।

सिख धर्म की नींव और ‘एक ओंकार’ का सिद्धांत

गुरु नानक देव जी ने सिख धर्म की नींव रखी और ‘एक ओंकार’ के सिद्धांत को प्रचलित किया। ‘एक ओंकार’ का अर्थ है कि भगवान एक हैं और वे सर्वव्यापी हैं। गुरु नानक जी ने अपने अनुयायियों को बताया कि ईश्वर का ध्यान और नाम स्मरण ही सर्वोत्तम साधना है।

गुरु नानक देव जी की सामाजिक न्याय की ओर आवाज

गुरु नानक देव जी ने निडरता से असमानता और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने समाज में भेदभाव को समाप्त करने और सामाजिक न्याय स्थापित करने के लिए अपने अनुयायियों को प्रेरित किया।

गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती का उत्सव

गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती के अवसर पर, सिख धर्म के अनुयायी गुरु नानक जयंती या गुरु नानक देव जी की प्रकाश पर्व मनाते हैं। इस दिन, गुरुद्वारों में विशेष पूजा-अर्चना और ‘परीक्षा’ (नमाज) का आयोजन किया जाता है। लोग सामूहिक रूप से सेवा कार्य करते हैं, जैसे लंगर (सभी को मुफ्त भोजन प्रदान करना) और रक्तदान शिविरों का आयोजन।

गुरु नानक देव जी की शिक्षाएँ और उनका वैश्विक प्रभाव

गुरु नानक देव जी की शिक्षाएँ आज भी वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक हैं। उनका समग्र दृष्टिकोण और मानवता की शिक्षा समाज को जोड़ने और शांति की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान कर रही है। उनकी 555वीं जयंती हमें यह याद दिलाती है कि हमें जीवन में सच्चाई, प्रेम और एकता के मार्ग पर चलने की आवश्यकता है।

गुरु नानक देव जी का योगदान: एक प्रेरणास्त्रोत

गुरु नानक देव जी का योगदान केवल सिख धर्म तक सीमित नहीं है, बल्कि वे पूरी मानवता के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बने हैं। उनके उपदेशों का पालन कर हम समाज में शांति, प्रेम और एकता को बढ़ावा दे सकते हैं। उनका जीवन और उनके विचार हम सबके लिए एक अमूल्य धरोहर हैं।

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