जेडी कार्यालय पर शिक्षकों का उग्र प्रदर्शन: वादाखिलाफी के आरोपों से सरकार घिरी ?

बस्ती में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के नेतृत्व में शुक्रवार को संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय पर एक जोरदार धरना दिया गया। प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर इस धरने का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षकों ने 18 सूत्रीय मांगों को लेकर अपनी आवाज बुलंद की। शिक्षकों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए सरकार विरोधी नारे भी लगाए और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन संयुक्त शिक्षा निदेशक को सौंपा।

पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग

धरने के दौरान प्रांतीय उपाध्यक्ष मार्कण्डेय सिंह ने जोर देकर कहा कि प्रदेश के शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों को भविष्य निधि पेंशन योजना (ओपीएस) से आच्छादित किए जाने तक संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने सरकार से मांग की कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली होनी चाहिए, जिससे शिक्षकों और कर्मचारियों को भविष्य में सुरक्षा मिल सके।

वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों के लिए समान वेतन की मांग

प्रदेशीय उपाध्यक्ष अनिरुद्ध कुमार त्रिपाठी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की सेवा दशा को सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समान कार्य के लिए समान वेतन की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि इन शिक्षकों के साथ न्याय हो सके और वे सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।

सरकार को दी चेतावनी

प्रांतीय कार्यकारिणी के सदस्य राम पूजन सिंह ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शिक्षकों की मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया, तो इसके दूरगामी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक समुदाय सरकार की नीतियों से असंतुष्ट है, और यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे आंदोलन तेज करेंगे।

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आठवें वेतन आयोग की अधिसूचना की मांग

मंडल मंत्री अरुण कुमार मिश्र ने आठवें वेतन आयोग के गठन की अधिसूचना जारी करने की मांग की। उन्होंने कहा कि शिक्षकों और कर्मचारियों को 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता का वेतन का अंश मानते हुए वेतन और अन्य भत्ते दिए जाने चाहिए। सरकार को इस दिशा में तत्काल कदम उठाने चाहिए, ताकि शिक्षकों को उनका हक मिल सके।

शिक्षकों के साथ अन्याय का विरोध

मंडल अध्यक्ष गुलाब चंद्र मौर्या ने सरकार पर शिक्षकों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जहां अन्य राज्य कर्मचारियों और अधिकारियों को चिकित्सीय भत्ता प्रदान किया जा रहा है, वहीं शिक्षकों को इस तरह की कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। उन्होंने सरकार की दोहरी व्यवस्था को अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि शिक्षक इस अन्याय को किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं करेंगे।

सैकड़ों शिक्षकों की मौजूदगी

इस धरने में संजय द्विवेदी, सच्चिदानंद पांडे, दिनेश कुमार यादव, रजनीश कुमार वर्मा, बलवंत सिंह सहित सैकड़ों शिक्षक और कर्मचारी मौजूद रहे। इस विरोध प्रदर्शन ने यह स्पष्ट कर दिया कि शिक्षक समुदाय अपनी मांगों को लेकर गंभीर है और सरकार को जल्द ही समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

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