सरकार की मुफ्त राशन योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़झाला हो रहा है। ऐसी खबरें सामने आई हैं कि मुफ्त राशन की सुविधा का लाभ वे लोग भी उठा रहे हैं जो इसके पात्र नहीं हैं। कुछ किसान, जो आर्थिक रूप से संपन्न हैं, भी इस योजना का फायदा ले रहे हैं।
लखपति किसान भी मुफ्त राशन की लाइन में
रिपोर्ट्स के अनुसार, कई लखपति किसान मुफ्त राशन की लाइन में लगे हुए हैं। इन किसानों की स्थिति की जांच की गई तो पता चला कि उनके पास पांच एकड़ से अधिक सिंचित जमीन है और वे हर साल सरकारी केंद्रों में लाखों रुपये का अनाज बेचते हैं। इसके बावजूद ये किसान मुफ्त राशन का लाभ उठा रहे थे।
एनआईसी पोर्टल से खुलासा
नेशनल इन्फर्मेशन सेंटर (एनआईसी) के पोर्टल से मिलान के बाद यह बड़ा खुलासा हुआ। मंडल के छह जिलों में 13,970 और कानपुर जिले में 5,427 ऐसे अपात्र किसान चिह्नित हुए हैं जो मुफ्त राशन ले रहे थे।
किसानों की संपत्ति का विवरण
खास बात यह है कि इन किसानों के पास पर्याप्त संपत्ति है। उनके पास पांच एकड़ से अधिक सिंचित भूमि है और वे हर साल ढाई से तीन लाख रुपये का अनाज सरकारी केंद्रों पर बेचते हैं। इनकी संपत्ति की जानकारी के बावजूद, ये किसान मुफ्त राशन का लाभ उठा रहे थे।
जिला पूर्ति विभाग की कार्रवाई
इस खुलासे के बाद, जिला पूर्ति विभाग ने ऐसे अपात्र किसानों के राशन कार्ड निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कार्रवाई सरकार के निर्देश पर की जा रही है ताकि इस योजना का लाभ सही लोगों तक पहुंच सके।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली का नियम
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से मुफ्त राशन दिया जाता है। जिले में 1,385 कोटे की दुकानों से 8,18,904 राशन कार्डधारकों को राशन दिया जा रहा है। एक यूनिट पर तीन किलो चावल और दो किलो गेहूं दिए जाने का नियम है।
कैसे हुआ गड़बड़झाले का पता
पिछले दिनों शासन के निर्देश पर मुफ्त राशन लेने वाले कार्ड धारकों और सरकारी केंद्रों पर अनाज बेचने वाले किसानों की सूची का मिलान कराया गया। इस प्रक्रिया में यह गड़बड़झाला सामने आया। इन किसानों ने अपनी कृषि योग्य भूमि दो हेक्टेयर से अधिक घोषित कर रखी थी और इसके बाद भी ये लोग मुफ्त राशन उठा रहे थे।
Basti News: घर के पास टहलती महिला को बाइक ने मारी टक्कर, दर्दनाक मौत !
निष्कासन के नियम
खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में राशन कार्ड धारकों के लिए कुछ नियम तय हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में, अगर किसी परिवार के पास पांच एकड़ से अधिक सिंचित भूमि है या सभी सदस्यों की सालाना आय दो लाख रुपये से अधिक है, तो उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल सकता।
अधिकारियों का बयान
जिला पूर्ति अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि एनआईसी से बड़े किसानों की सूची जारी की गई थी जिससे पता चला कि अपात्र किसान भी योजना का लाभ उठा रहे थे। मंडल के करीब 14,000 और जिले के करीब 5,000 किसानों का नाम सूची से हटाया जा रहा है।
यह कार्रवाई सुनिश्चित करेगी कि केवल पात्र लोग ही सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें।
किस जिले में कितने अपात्र
कानपुर नगर | 5427 |
कानपुर देहात | 4776 |
औरैया | 1312 |
कन्नौज | 1292 |
इटावा | 935 |
फर्रुखाबाद | 228 |