सिकंदराबाद-शालीमार सुपरफास्ट एक्सप्रेस के 4 डिब्बे पटरी से उतरे, यात्रियों में मची अफरा-तफरी ?

हावड़ा के पास सिकंदराबाद-शालीमार सुपरफास्ट एक्सप्रेस के चार डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे यात्रियों में भगदड़ और भय का माहौल बन गया। हादसा दिन के समय हुआ, और हादसे के बाद दुर्घटनास्थल पर राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। स्थानीय प्रशासन और रेलवे विभाग ने मिलकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन फिर भी यात्री इस घटना से बेहद डरे और परेशान हो गए।

दुर्घटना स्थल पर राहत कार्य में देरी पर उठ रहे सवाल

दुर्घटना की खबर मिलते ही रेलवे की ओर से अधिकारियों का दल दुर्घटनास्थल पर पहुंचा, लेकिन यात्रियों और स्थानीय लोगों ने राहत कार्य में देरी पर नाराजगी जताई। यात्रियों का कहना था कि समय पर मेडिकल सहायता और अन्य सहायता प्रदान नहीं की गई, जिससे घबराहट और बढ़ गई। राहत कार्य में लगाई गई टीमों ने घायल यात्रियों को नजदीकी अस्पतालों में पहुंचाया, वहीं बाकी यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए।

रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव पर इस्तीफे का दबाव बढ़ा

यह घटना भारतीय रेलवे की वर्तमान स्थिति पर सवाल उठाती है, जहां लगातार ट्रेन हादसों की घटनाएं सामने आ रही हैं। विपक्षी दलों और यात्रियों ने एक बार फिर से रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग को लेकर आवाज बुलंद की है। पिछले कुछ महीनों में इस तरह की घटनाएं कई बार हो चुकी हैं, जिससे यात्री सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं उठने लगी हैं। विपक्ष का कहना है कि यात्री सुरक्षा को लेकर जरूरी सुधार नहीं किए जा रहे हैं, और इसलिए मंत्री को अपनी जिम्मेदारी स्वीकारते हुए इस्तीफा देना चाहिए।

यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल, भारतीय रेलवे को सुधार की आवश्यकता

इस दुर्घटना के बाद भारतीय रेलवे की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गहन मंथन की जरूरत महसूस की जा रही है। हादसे का कारण तकनीकी खामी था या फिर मेंटेनेंस की कमी, इसकी जांच के लिए रेलवे ने विशेषज्ञों की टीम गठित की है। हादसों के पीछे कई बार ट्रैक्स की उचित देखभाल न होना, समय पर मरम्मत कार्य न करना और सुरक्षा मानकों की अनदेखी जैसी समस्याएं सामने आई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते रेलवे ट्रैकों की गुणवत्ता और ट्रेन की नियमित जांच सुनिश्चित की जाए तो इस तरह की घटनाओं को टाला जा सकता है।

भविष्य के लिए जरूरी हैं कड़े कदम

सिकंदराबाद-शालीमार सुपरफास्ट एक्सप्रेस की इस घटना ने रेलवे की सुरक्षा पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। भारत जैसे विशाल देश में रेलवे यातायात का एक मुख्य साधन है, और प्रतिदिन लाखों लोग इसका उपयोग करते हैं। यात्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए रेलवे को संरचना, मेंटेनेंस, और कर्मचारियों के प्रशिक्षण में सुधार की आवश्यकता है। साथ ही, दुर्घटनाओं से बचने के लिए नई तकनीकों का समावेश भी जरूरी है, जिससे यात्रियों को सुरक्षित सफर का अनुभव मिले।

रेलवे मंत्रालय की प्रतिक्रिया

रेलवे मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि दुर्घटना के कारणों की गहराई से जांच की जा रही है, और जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंत्रालय ने इस घटना पर खेद व्यक्त किया है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव प्रयास का आश्वासन दिया है।

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