21 नवंबर से बभनान चीनी मिल का पेराई सत्र शुरू

गौर। बभनान चीनी मिल का पेराई सत्र इस बार 21 नवंबर से शुरू हो रहा है। चीनी मिल ने सत्र के सफल संचालन के लिए तैयारियों का कार्य शुरू कर दिया है। गन्ना क्रय केंद्रों की स्थापना की जा रही है और गन्ना लेकर आने वाले वाहनों के लिए मार्गों को भी दुरुस्त किया जा रहा है।

किसानों में उत्साह, समय पर होगी गन्ने की बिक्री

गोंडा और बस्ती जिले की सीमा पर स्थित इस चीनी मिल का पेराई सत्र समय पर शुरू होने की सूचना से क्षेत्र के गन्ना किसानों में खुशी की लहर है। किसानों का कहना है कि अगर मिल समय पर चालू हो जाती है, तो वे गन्ने की फसल समय पर बेच सकेंगे और गेहूं की बुवाई के लिए पर्याप्त समय मिल सकेगा। बभनान क्षेत्र में 80 प्रतिशत किसान गन्ने की खेती पर निर्भर हैं, ऐसे में मिल का समय पर चालू होना उनके लिए आर्थिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है।

मिल के श्रम कल्याण अधिकारी का बयान

बभनान चीनी मिल के श्रम कल्याण अधिकारी केपी सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष भी परंपरा के अनुसार विधि-विधान के साथ पेराई सत्र शुरू किया जाएगा। किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए मिल प्रशासन पूरी तरह तत्पर है। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को सही समय पर भुगतान करने और उनकी फसल का उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए मिल प्रतिबद्ध है।

गन्ना क्रय केंद्रों और मार्गों की स्थिति बेहतर करने की कवायद

चीनी मिल ने गन्ना क्रय केंद्रों की स्थापना के साथ ही इन केंद्रों तक गन्ना लेकर आने वाले किसानों और वाहनों के लिए रास्तों को भी सही किया जा रहा है। मार्गों की मरम्मत का कार्य तेजी से चल रहा है ताकि पेराई सत्र के दौरान गन्ना परिवहन में किसी तरह की कठिनाई न आए। किसानों की सुविधा के लिए इन क्रय केंद्रों पर सभी जरूरी इंतजाम किए जाएंगे।

किसानों को होगा गेहूं की बुवाई में लाभ

समय पर गन्ने की बिक्री कर पाने से किसानों को आगामी गेहूं की बुवाई का लाभ भी मिल सकेगा। चूंकि गन्ना क्षेत्र के ज्यादातर किसान उसी जमीन पर गेहूं की बुवाई करते हैं, इसलिए चीनी मिल के पेराई सत्र की समय पर शुरुआत उनके लिए बहुत मायने रखती है।

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