बस्ती। सावन मास में कांवड़ यात्रा के दौरान परिवहन निगम प्रशासन विशेष बसों का संचालन करेगा। इसके लिए रोडवेज अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। डिपो और कार्यशाला के जिम्मेदार व्यक्तियों ने बसों की खामियों को दूर कर उन्हें चाक-चौबंद बनाना शुरू कर दिया है।
कांवड़ यात्रा की तैयारियां
22 जुलाई से सावन मास की कांवड़ यात्रा शुरू होनी है। इस यात्रा के लिए अयोध्या, प्रयागराज और हरिद्वार समेत देश-प्रदेश के प्रमुख शिवालयों तक पहुंचने वाले मुख्य मार्गों का जिलावार रूट डायवर्जन किया जाएगा। परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर ने गोरखपुर-बस्ती समेत सभी डिपो के अधिकारियों को पत्र भेजकर अभी से तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, कांवड़ यात्रा के दौरान पूरे माह सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में कंट्रोल रूम स्थापित कर 24 घंटे संचालित करने के आदेश दिए गए हैं।
रोडवेज अधिकारियों की भूमिका
कांवड़ यात्रा को लेकर संबंधित कमिश्नर और डीएम द्वारा बुलाई जाने वाली बैठकों में रोडवेज अधिकारी उपस्थित रहेंगे और उनके निर्देशों के अनुसार रूट डायवर्जन कर बसों का संचालन सुनिश्चित करेंगे। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और चालकों-परिचालकों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसके अलावा, यात्रा के दौरान रूट में पड़ने वाले सभी बस स्टेशनों को साफ-सुथरा और सुविधा संपन्न बनाया जाएगा। बसों को दुरुस्त कर समय-समय पर चालकों की ब्रीथ एनालाइज़र से चेकिंग भी की जाएगी ताकि वे नशे से दूर रहें और यात्रियों की यात्रा सुगम बनी रहे।
प्रमुख पर्वों पर कांवड़ियों की भीड़
सावन मास में 22 जुलाई को प्रथम सोमवार, 29 को द्वितीय सोमवार, 2 अगस्त को मुख्य पर्व श्रावण शिवरात्रि, 5 अगस्त को तृतीय सोमवार, 12 अगस्त को चतुर्थ सोमवार और 19 अगस्त को पंचम सोमवार पड़ेगा। इन मौकों पर भारी संख्या में कांवड़ यात्री निकलेंगे। इसको देखते हुए समय-समय पर संबंधित जिला प्रशासन रूट डायवर्जन कर बसों का संचालन कराएगा।
बसों की तैयारी और सुविधाएं
कांवड़ यात्रा के लिए सभी बसों को दुरुस्त किया जा रहा है। बस स्टेशनों पर अतिरिक्त सुविधाएं बनाई जा रही हैं। जिला प्रशासन के निर्देशानुसार बसों का संचालन परिवर्तित मार्गों से किया जाएगा। इस तरह, कांवड़ यात्रा के दौरान यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
इस पहल से कांवड़ यात्रियों की यात्रा को सुरक्षित, सुविधाजनक और सुगम बनाया जा सकेगा, जिससे श्रद्धालु आसानी से अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।