बस्ती। जिले में किसानों की खाद संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए एक नया गोदाम बनाया जा रहा है, जिसकी भंडारण क्षमता 10,000 क्विंटल होगी। इसके लिए जमीन तैयार की जा रही है, और बहुत जल्द ही कार्यदायी संस्था गोदाम के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर देगी। इस गोदाम से न केवल खाद का पर्याप्त मात्रा में भंडारण किया जा सकेगा, बल्कि जिले के किसानों को समय पर खाद उपलब्ध होने लगेगी।
सहकारिता विभाग का भंडारण प्रबंधन
खाद, गेहूं और बीज भंडारण की व्यवस्था सहकारिता विभाग द्वारा संभाली जाती है। जिले में लगभग आधा दर्जन गोदामों में खाद रखा जाता है, इसके बावजूद जब रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी से खाद की बोरियां उतरती हैं, तो अधिकारियों को उन्हें उठाकर भंडारण की व्यवस्था करनी पड़ती है। कई बार तो ऐसी स्थिति आ जाती है कि किसानों को समय पर खाद नहीं मिल पाती और डीलरों के गोदामों का सहारा लेना पड़ता है।
नए गोदाम का प्रस्ताव और मंजूरी
पीसीएफ के जिला प्रबंधक अमित चौधरी ने इस समस्या को उच्चाधिकारियों और शासन के संज्ञान में लाया। जनवरी में उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ (पैक्सफेड) को नए गोदाम के निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजने की जिम्मेदारी सौंपी गई। सक्रिय कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों ने 1.70 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा, जिससे फरवरी में मंजूरी मिल गई और वर्चुअली शिलान्यास भी कर दिया गया।
निर्माण की राह में बाधाएं और समाधान
हालांकि, नारंग रोड पर घरसोहिया स्थित पीसीएफ कार्यालय परिसर में चिह्नित भूमि पर कई बड़े पेड़ निर्माण की राह में बाधा बने हुए हैं। अब इन पेड़ों की कटाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है और जल्द ही कार्यदायी संस्था इस भूमि पर 10,000 क्विंटल के खाद भंडारण के लिए गोदाम का निर्माण शुरू करेगी। इससे जिले के लगभग पांच लाख किसानों को समय पर खाद की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।
भविष्य की दिशा
जिले में नया गोदाम बन जाने से खाद के भंडारण की क्षमता बढ़ जाएगी और किसानों को हर वक्त खाद उपलब्ध रहेगा। परिसर को खाली करवाया जा रहा है ताकि गोदाम निर्माण में कोई बाधा न आए। इस कदम से किसानों को समय पर खाद मिल सकेगी और उनकी फसल उत्पादन में सुधार होगा, जिससे जिले की कृषि व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है।