बस्ती जिले में आज समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर भारतीय संविधान के जनक और दलित-पिछड़ों के मसीहा भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा। यह विरोध सभा और ज्ञापन सौंपने की कार्रवाई बाबा साहब अंबेडकर के सम्मान की रक्षा और दलित-पिछड़े समाज के अधिकारों के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता का प्रतीक बनी।
गृह मंत्री की टिप्पणी पर गहरी आपत्ति

ज्ञापन में समाजवादी पार्टी ने अमित शाह की संसद में की गई टिप्पणी को न केवल बाबा साहब के व्यक्तित्व और कृतित्व का अपमान बताया, बल्कि इससे देश के करोड़ों दलित, पिछड़े और वंचित समाज की भावनाओं को भी आहत होने का आरोप लगाया। पार्टी ने इस टिप्पणी को असंवेदनशील और संविधान-विरोधी बताते हुए, इसे लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान की भावना के खिलाफ कड़ा विरोध किया।
दलित-पिछड़े समाज पर प्रभाव

समाजवादी पार्टी ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के संविधान निर्माण में योगदान और उनके द्वारा उठाए गए सामाजिक न्याय के मुद्दों का समर्थन करते हुए कहा कि गृह मंत्री की टिप्पणी ने भारतीय लोकतंत्र की नींव को कमजोर करने का प्रयास किया है। पार्टी ने स्पष्ट किया कि बाबा साहब अंबेडकर का अपमान, दलित और पिछड़े समाज की अस्मिता पर सीधा हमला है, और इससे सामाजिक समरसता पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
भाजपा की संविधान-विरोधी मानसिकता

समाजवादी पार्टी ने ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया कि गृह मंत्री की टिप्पणी भाजपा की संविधान-विरोधी मानसिकता को उजागर करती है। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने भारतीय समाज में समानता, स्वतंत्रता और भाईचारे की जो नींव रखी थी, उसे कमजोर करने का कोई प्रयास भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है।
समाजवादी पार्टी का रुख
समाजवादी पार्टी ने बाबा साहब अंबेडकर के प्रति अपने सम्मान और संविधान की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। पार्टी ने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य लोकतंत्र और संविधान को मजबूत बनाना है, और वे हमेशा उन विचारों का समर्थन करेंगे जो संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों को प्रगति की दिशा में आगे बढ़ाएं।
प्रमुख मांगें
समाजवादी पार्टी ने ज्ञापन के माध्यम से निम्नलिखित प्रमुख मांगें रखी:
- गृह मंत्री अमित शाह से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी जाए।
- संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ अपमानजनक बयानबाजी की पुनरावृत्ति न हो।
- ऐसे बयान देने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
जनता के बीच संदेश
समाजवादी पार्टी ने इस घटना को लेकर जनता के बीच व्यापक संवाद करने का निर्णय लिया है। पार्टी ने कहा कि इस मुद्दे पर चुप रहना संविधान और समाज के प्रति अन्याय होगा और उन्होंने अपनी प्रतिबद्धता जताई कि वे संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहेंगे।
विरोध प्रदर्शन
बस्ती जिले में समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर का अपमान सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि यह मुद्दा केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता के अधिकारों की रक्षा का सवाल है।
सामाजिक सौहार्द की आवश्यकता
समाजवादी पार्टी ने इस घटना को सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा बताया। उनका कहना था कि ऐसे बयान समाज को बांटने का काम करते हैं और इससे सामाजिक असमानता और बढ़ सकती है। पार्टी ने बाबा साहब अंबेडकर के विचारों को मजबूती से बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
भविष्य की रणनीति
समाजवादी पार्टी ने इस मुद्दे पर एक व्यापक जनजागरण अभियान चलाने की घोषणा की। पार्टी ने कहा कि वह दलित, पिछड़े और वंचित समाज को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करेगी। पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर गृह मंत्री माफी नहीं मांगते, तो वे देशव्यापी आंदोलन करेंगे।
समाजवादी पार्टी का संदेश
समाजवादी पार्टी ने यह संदेश दिया कि बाबा साहब अंबेडकर के सम्मान की रक्षा करना केवल दलित और पिछड़े समाज का नहीं, बल्कि पूरे देश का कर्तव्य है। पार्टी ने गृह मंत्री से तत्काल माफी की मांग की और संविधान की भावना का सम्मान करने का आग्रह किया।
इस ज्ञापन और विरोध प्रदर्शन के माध्यम से समाजवादी पार्टी ने यह सुनिश्चित किया कि वह दलित, पिछड़े और वंचित समाज के अधिकारों के लिए पूरी ताकत से खड़ी रहेगी और संविधान की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी।