अमेठी जिले में वज्रपात से बचाव के लिए अपर जिलाधिकारी (वि०/रा०) अर्पित गुप्ता ने एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में बताया गया है कि किन क्षेत्रों में वज्रपात का जोखिम अधिक है और क्या सुरक्षा उपाय अपनाने चाहिए।
वज्रपात जोखिम वाले क्षेत्र
अपर जिलाधिकारी ने बताया है कि ऊँची इमारते, संचार टावरों, कच्चे मकान, पेड़, तालाब/झील/पानी से भरे क्षेत्र वज्रपात जोखिम वाले क्षेत्र हैं और यह असुरक्षित हैं। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
सुरक्षा उपाय
उन्होंने बताया है कि वज्रपात से पहले परिवार, समुदाय, बच्चो आदि के साथ वज्रपात और उसके प्रभाव पर चर्चा करें, स्थानीय मौसम पर नजर रखे और रेडियो/टीवी सुने, घर के पास लगे पेड़ों की छटाई छटाई करें, ऊँची इमारतों पर तड़ित चालक यंत्र स्थापित करें, प्रशासन की ओर से जारी चेतावनी को नजरअंदाज न करें।
बिजली गिरने की सम्भावना होने पर क्या करें
इसके अलावा उन्होंने बिजली गिरने की सम्भावना होने पर बताया है कि बाहर जाने से बचे, 30-30 नियम को याद रखे बिजली देखने के बाद 30 तक गिनना शुरू करें, यदि आपके 30 तक पहुँचने से पहले गड़गड़ाहट सुनाई दे तो तत्काल घर के अन्दर जायें, गड़गड़ाहट की आखिरी आवाज के बाद कम से कम 30 मिनट के लिये बाहर गतिविधियों को स्थगित करे, जितना जल्दी हो सके उतनी जल्दी पक्की छत के नीचे शरण लें, बिजली चमकने /आँधी आने पर पेड़ के नीचे से हट जाये, बिजली गिरनी के दौरान किसान कभी खुले मैदान या खेत में न खड़े हो, कोशिश करें कि किसी सुरक्षित पक्की छत के नीचे पहुँच जाये, तालाब, नदी तट आदि जैसे जल निकायों से दूर रहें।
सुरक्षा उपायों को अपनाकर बचें
इन सुरक्षा उपायों को अपनाकर आप वज्रपात से बच सकते हैं। इसलिए इन उपायों को याद रखें और सुरक्षित रहें।