सेना में अब अग्निवीरों से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक को 60 वर्ष की आयु तक हर साल दो बार संयुक्त शारीरिक परीक्षा पास करनी होगी। सेना को हर वक्त युद्ध के लिए तैयार रखने और सैनिकों की चुस्ती-तंदुरुस्ती सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सेना ने नए संभावित दिशानिर्देशों के तहत शारीरिक फिटनेस मानदंडों में बदलाव का फैसला लिया है।
ये नए दिशा-निर्देश अग्निवीरों से लेकर थ्री-स्टार कमांडरों तक पर लागू होंगे। अब तक 50 वर्ष की आयु तक के अधिकारियों और सैनिकों को हर साल दो अलग-अलग शारीरिक परीक्षण बैटल फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट (BPET) और फिजिकल प्रोफिशिएंसी टेस्ट (PPT) पास करने होते थे।
वरिष्ठ अधिकारियों को आयु के आधार पर छूट दी जाती थी, लेकिन अब 60 वर्ष की उम्र तक सभी को फिजिकल टेस्ट देना अनिवार्य होगा। सूत्रों के अनुसार, सेना इस नए नियम को 1 अप्रैल 2026 से लागू करेगी। टेस्ट में 3.2 किलोमीटर दौड़, पुश-अप्स, सिट-अप्स और रस्सी चढ़ाई शामिल होंगे।
इन परीक्षणों में प्राप्त ग्रेड पदोन्नति (प्रमोशन) के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। सेना में अब दो अलग-अलग शारीरिक परीक्षणों की जगह संयुक्त शारीरिक परीक्षण होंगे, जो अर्धवार्षिक (छह माह के अंतराल) पर आयोजित किए जाएंगे। सेना के दस्तावेज़ में कहा गया है कि सैनिकों के लिए शारीरिक फिटनेस अत्यंत आवश्यक है ताकि वे सैन्य प्रशिक्षण और अभियानों की कठिनाइयों को सहन कर सकें। दस्तावेज़ में यह भी उल्लेख किया गया है
कि “फिट सैनिक अपनी यूनिट के लिए अधिक सक्षम और विश्वसनीय संसाधन होता है, जो अंततः मिशन की सफलता में योगदान देता है।” सभी स्तरों पर कमांडरों को भी अपने अधीनस्थों के लिए आदर्श बनना चाहिए और हर समय अग्रिम मोर्चे पर टीम का नेतृत्व करने में सक्षम होना चाहिए। विभिन्न आयु समूहों के लिए BPET और PPT को मिलाकर एकल-स्तरीय परीक्षा प्रणाली में परिवर्तित कर दिया गया है, जिससे संचालन में आसानी होगी।
इसका अर्थ यह है कि दो अलग-अलग परीक्षणों की जगह अब एक संयुक्त टेस्ट होगा। होरिजॉन्टल रोप और वर्टिकल रोप टेस्ट 35 वर्ष तक तथा 35–45 वर्ष आयु वर्ग के कर्मियों के लिए अनिवार्य होंगे। हालांकि, 45 वर्ष से अधिक आयु के कर्मियों को इन दोनों परीक्षणों से छूट दी जाएगी। सैनिकों की वर्दी में पुश-अप्स और सिट-अप्स टेस्ट 35 वर्ष, 35–45 वर्ष और 45–50 वर्ष तक के आयु वर्ग के कर्मियों को देने होंगे। 50–55 वर्ष और 55–60 वर्ष के आयु वर्ग के लिए परीक्षणों में 3.2 किलोमीटर की तेज चाल (फास्ट वॉक) तथा निर्धारित संख्या में सिट-अप्स और पुश-अप्स शामिल होंगे।










