गाजीपुर, यूपी। मुंबई पुलिस द्वारा गाजीपुर जिले के कुख्यात तस्कर अभिषेक सिंह की गिरफ्तारी के साथ ही ड्रग्स तस्करी का भंडाफोड़ किया गया। इस घटना के बाद जिले की पुलिस की सक्रियता में भारी वृद्धि देखी गई है।
अभिषेक सिंह की ड्रग्स फैक्ट्री का खुलासा
अभिषेक सिंह अपने गांव के खेत में ही ड्रग्स की फैक्ट्री चला रहा था। वह नीले ड्रम में केमिकल मंगवाकर उसे तैयार कर बाहर भेजता था। अभिषेक ने ग्रामीणों को भ्रमित करने के लिए यह कहा था कि वह मछली के चारे का निर्माण कर रहा है। इससे गांववालों को उसकी गतिविधियों पर संदेह नहीं हुआ।
दाऊद इब्राहिम के नेटवर्क से जुड़ाव
मामले के खुलासे के बाद जिले का नाम अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के मुंबई में ड्रग्स कारोबार से जुड़ गया है। इस मामले में जिले के तीन तस्करों के नाम सामने आए हैं, जिनमें से दो की गिरफ्तारी मुंबई से हुई है। मुख्य सरगना सलीम डोला, जो मड़ियाहूं तहसील क्षेत्र का रहने वाला है, अभी भी फरार है। पुलिस ने शुक्रवार को भी इनका पता लगाने और सारा विवरण जुटाने में सक्रियता दिखाई।
पांच वर्षों से चल रहा था अवैध कारोबार
ग्रामीणों के अनुसार, अभिषेक सिंह पिछले पांच वर्षों से यह अवैध कारोबार कर रहा था। उसने आसपास के युवाओं को भी इस काम में शामिल किया था। अभिषेक के गुर्गे नीले ड्रमों को वाहन से लाते थे और मछली का चारा बताकर ग्रामीणों को धोखा देते थे। उसकी गिरफ्तारी के बाद लोगों का संदेह यकीन में बदल गया।
अभिषेक का मुंबई कनेक्शन
मीरपुर के प्रधान तिलकधारी सिंह ने बताया कि अभिषेक सिंह का परिवार पिछले 10 साल से मुंबई में रह रहा है। उसके पिता मुंबई में ट्रक चलाते हैं। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि उनका परिवार 20 वर्षों से अधिक समय से मुंबई में रह रहा है।
क्राइम इंस्पेक्टर का बयान
गांव में ड्रग्स फैक्ट्री की पुष्टि के प्रयास जारी हैं। क्राइम इंस्पेक्टर ने बताया कि अभिषेक और उसके नेटवर्क के खिलाफ जांच जारी है। पुलिस यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि जिले में कोई भी अवैध गतिविधि न हो सके।
इस पूरे मामले ने गाजीपुर जिले में एक नई हलचल मचा दी है, जिससे प्रशासन और जनता दोनों ही हैरान हैं। पुलिस अब मामले की गहन जांच कर रही है और दोषियों को कानून के दायरे में लाने के लिए पूरी तत्परता से काम कर रही है।