क्या सच में दिवालिया हो गया मालदीव?, जिसने भारत और पीएम मोदी का किया अपमान

भारत और मालदीव के रिश्तों में तल्खी उस समय दिखनी शुरू हुई, जब मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू बने। दुनिया को पता है मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू चीन के प्रति उनका ज्यादा लगाव है। मालदीव ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया है। इसी बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप की यात्रा की और इसके बाद ही दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया। मालदीव के 3 मंत्रियों ने पीएम मोदी को लेकर बयानबाजी की, जिसके बाद वहां की सरकार ने उन्हे सस्पेंड किया। अब खबर यह है कि पीएम मोदी के साथ हुए इस पंगे के बाद मालदीव ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया है।

पिछले कुछ दिनों में, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लक्षद्वीप यात्रा पर गए थे। इस यात्रा के बाद, मालदीव के तीन मंत्रियों ने मोदी पर ताने मारे थे। इसके परिणामस्वरूप, मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों ने मालदीव की बजाय लक्षद्वीप को चुना। इससे मालदीव की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा, और उन्हें विशेष संकट का सामना करना पड़ा। वहां की सरकार ने खुद को दीवालिया घोषित किया है, और अब उन्हें आर्थिक सहायता की आवश्यकता है। भारतीय पर्यटकों के उत्साह कम होने से मालदीव के पर्यटन व्यावसायिक तंत्र पर भी असर पड़ा है।

इस विवाद के बाद, मालदीव की अर्थव्यवस्था पर बड़ा धक्का लगा है। अब उन्हें आर्थिक संकट से निपटने के लिए आईएमएफ से सहायता की मांग करनी पड़ रही है। विशेषज्ञों को यह असाधारण लग रहा है कि मालदीव की अर्थव्यवस्था इतनी जल्दी इतने गहरे संकट में कैसे पड़ गई। इस विवाद के बावजूद, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के प्रधानमंत्री के वैश्विक प्रतिष्ठान को नहीं समझा। उन्होंने अपने पहले विदेशी दौरे में चीन को प्राथमिकता दी, जिससे भारत-मालदीव संबंधों में तनाव बढ़ा।

उनके इस कद के कारण, भारतीय पर्यटकों ने लक्षद्वीप को अपनी पसंदीदा गंगा स्नान स्थल बना लिया है। इसके अलावा, राष्ट्रपति मुइज्जू की चीनी पक्षपात की वजह से भारत और मालदीव के बीच रिश्तों में तनाव बढ़ा है। उन्होंने मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों के मुद्दे को उजागर किया, जिससे संबंधों में और भी कठिनाईयाँ उत्पन्न हुईं। इस समस्या का समाधान करने के लिए, सभी पक्षों को साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है।

भारत और मालदीव के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए सामर्थ्यवान और सुगम मार्ग ढूंढना आवश्यक है। साथ ही, मालदीव की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए भी उचित कदम उठाने होंगे। दोनों देशों के बीच सहयोग और समझौते के माध्यम से, इस संकट को पार किया जा सकता है और संबंधों को मजबूत बनाया जा सकता है।

IMF ने मालदीव को घोषित किया दिवालिया –

‘दिवालिया’ की चर्चा सोशल मीडिया पर ‘एक्स’ प्लेटफ़ॉर्म की पोस्ट से शुरू हुई, जिसमें मालदीव के दिवालिया होने की खबर प्रसारित की गई थी। फ्रंटलफोर्स नामक ट्विटर अकाउंट ने इसे उठाया और दावा किया कि मालदीव ने आईएमएफ के साथ ‘दिवालिया’ घोषित किया है, और बेलआउट पैकेज की मांग की है। यह खबर तेजी से वायरल हो गई और सारे जंगल में आग की तरह फैल गई।

क्या मालदीव सच में हुआ ‘दिवालिया’? –

मालदीव में ‘दिवालिया’ होने की खबर के बाद, वहां के आर्थिक मामलों के मंत्री मोहम्मद सईद ने इसे खंडन किया। सन इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के मुताबिक मंत्री मोहम्मद सईद ने कहा कि मालदीव की वित्तीय स्थिति में सुधार हो रहा है और यह अनुमान से भी अधिक तेजी से आगे बढ़ रहा है। सरकार ने आईएमएफ से सहायता मांगी है और एक आर्थिक सुधार कार्यक्रम शुरू करने पर सहमति दी है। यह देश की आर्थिक समस्याओं को हल करने का प्रयास है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ ऐसे तत्व हैं जो लोगों के बीच वित्तीय हालत के बारे में असंवेदनशीलता बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं, और यह उनकी राजनीतिक हताशा है।

PM Modi will visit Karnataka on 27th February 2023.

इसके अलावा, मालदीव की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से पर्यटन पर आधारित है। भारत से लाखों पर्यटक हर साल मालदीव यात्रा करते हैं। इस पर मालदीव की बेचैनी का संकेत है कि प्रधानमंत्री मोदी ने लक्षद्वीप को मालदीव के वैकल्पिक रूप के रूप में प्रमोट किया है, जो लोगों के बीच अस्थिरता का कारण बन सकता है। इसके अलावा, मालदीव की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से पर्यटन पर आधारित है। भारत से लाखों पर्यटक हर साल मालदीव यात्रा करते हैं। इस पर मालदीव की बेचैनी का संकेत है कि प्रधानमंत्री मोदी ने लक्षद्वीप को मालदीव के वैकल्पिक रूप के रूप में प्रमोट किया है, जो लोगों के बीच अस्थिरता का कारण बन सकता है।

इस प्रकार, मालदीव की इकोनॉमी को स्थिरता की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए सरकार का प्रयास जारी है, जिसमें पर्यटन के अलावा अन्य आर्थिक क्षेत्रों के विकास को भी ध्यान में रखा जा रहा है। वहीं, भारतीय प्रधानमंत्री के द्वारा लक्षद्वीप को आत्मनिर्भर और पर्यटन उद्योग में सुस्त राज्य से बाहर लाने का प्रयास उत्तेजित करता है। यह साबित करता है कि आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए सामूहिक प्रयास और नियमित संचार की महत्वपूर्ण आवश्यकता है।

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