गोरखपुर। जनपद के सहजनवां थाना क्षेत्र के भगौरा गांव में एक गंभीर भूमि विवाद सामने आया है, जहां एक स्थानीय निवासी ने आरोप लगाया है कि विपक्षी पक्ष, जो एक सेवानिवृत्त कस्टम कमिश्नर है, ने परगना मजिस्ट्रेट और थानाध्यक्ष के साथ मिलकर उनकी संपत्ति पर अवैध कब्जा करने की कोशिश की। इस घटना में पीड़ित के भाई को हार्ट अटैक आने का दावा किया गया है,
और मामले की शिकायत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को की गई है। पीड़ित ने इसे प्रशासनिक दुरुपयोग और साजिश करार दिया है, जिसकी जांच की मांग की जा रही है। शिकायतकर्ता सुनील सिंह सोलंकी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे गए पत्र में विस्तार से बताया कि वे पिछले 50 वर्षों से गांव भगौरा में आराजी नंबर 132 (पुराना)/89 (नया) पर बने मकान और आराजी नंबर 87ज पर स्थित बाग में शांतिपूर्वक कब्जे में हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी नर्वदेश्वर सिंह सोलंकी, पुत्र रामानंद सिंह सोलंकी, ने 9 अप्रैल 2021 को आराजी नंबर 87ग का बैनामा कराया, जिसमें गलत तरीके से दक्षिणी सीमा में उनके मकान और सहन को शामिल कर लिया गया। इसके बाद से विपक्षी उन्हें विभिन्न तरीकों से प्रताड़ित कर रहे हैं।
सुनील सिंह ने बताया कि अपनी संपत्ति की सुरक्षा के लिए उन्होंने गोरखपुर के दीवानी न्यायालय में मुकदमा संख्या 567/2025 दायर किया है, जो वर्तमान में विचाराधीन है। इसकी जानकारी विपक्षी, परगना मजिस्ट्रेट सहजनवां और थानाध्यक्ष सहजनवां को भी है। फिर भी, 18 अक्टूबर 2025 को दोपहर करीब 12 बजे परगना मजिस्ट्रेट सहजनवां (जो कथित तौर पर विपक्षी के रिश्तेदार हैं) ने थानाध्यक्ष पर प्रशासनिक दबाव डालकर पुलिस बल के साथ जेसीबी मशीन से उनकी चहारदीवारी तोड़ने की कोशिश की। साथ ही, उनके मकान के सामने सहन की भूमि पर ट्रैक्टर, ट्रॉली










