वाल्टरगंज। सोनौरा पाठक गांव में पोखरे में डूबकर तीन किशोरियों की मौत हो जाने से कोहराम मच गया है। हालांकि, किसी ने उन्हें डूबते हुए नहीं देखा। गांववालों का कहना है कि एक-दूसरे को बचाने की कोशिश में तीनों की डूबकर मौत हो गई। पोखरे के किनारे एक पॉलिथीन में कुछ आम और तीन चप्पलें देखकर लोगों को शक हुआ कि कोई न कोई पोखरे में डूबा है। खोजबीन करने पर पता चला कि खुशी, चंदा और तारा लापता थीं।
घटना का विवरण
लोग बताते हैं कि महेंद्र की दोनों बेटियां खुशी और चंदा, और उनके पड़ोसी धीरज की बेटी तारा अक्सर साथ आती-जाती थीं। बुधवार की दोपहर तीनों आम बीनने गई थीं। तेज गर्मी और लू से परेशान होकर तीनों ने पोखरे में नहाने का फैसला किया। आम और चप्पलें किनारे रखकर तीनों पोखरे में उतर गईं। अचानक, एक का पैर फिसला और वह गहरे पानी में चली गई। दूसरी ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन वह भी डूबने लगी। तीसरी किशोरी ने भी मदद के लिए प्रयास किया, लेकिन वह भी डूब गई।
शोर सुनकर गांववालों की मदद
शोर सुनकर गांव के फूलचंद, मेवालाल, पिंटू, राम तीरथ सहित अन्य लोग पोखरे में कूद गए और खोजबीन शुरू की। कुछ समय बाद, ढूंढने वालों के पैरों में तीनों के शरीर टकराए और एक-एक कर तीनों के शव पोखरे से निकाले गए।
परिवारों में शोक
खुशी और चंदा सात बहनों- रोशनी, लक्ष्मी, चांदनी, खजाना, शिवानी और एक भाई के बाद सबसे छोटी थीं। खुशी कक्षा छह में और चंदा कक्षा चार में पढ़ती थीं। तारा तीन बहनों और दो भाइयों में दूसरी नंबर की थी और वह भी कक्षा चार की छात्रा थी। तारा की मौत की खबर सुनकर उसकी बड़ी बहन शीतला और मां रीना बेहोश हो गईं। बहन बेबी, भाई यशराज उर्फ बादल और साजन एक-दूसरे से चिपककर रो रहे थे। इन बच्चियों के माता-पिता मजदूर और बेहद गरीब हैं।
प्रशासन की कार्रवाई
सूचना पर हल्का लेखपाल रामप्रकाश मिश्र और कानूनगो संतोष शुक्ल मौके पर पहुंचे और अपनी रिपोर्ट तहसील प्रशासन रुधौली को सौंप दी। गांव में गहरे शोक का माहौल है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
यह दुखद घटना गांव के लोगों को सदमे में डाल गई है। प्रशासन की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया है, लेकिन इस हादसे ने कई परिवारों की खुशियों को छीन लिया है। समाज को ऐसे हादसों से बचने के लिए और सतर्क रहने की आवश्यकता है।