NEET UG 2024: दोबारा नीट इग्ज़ैम को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आ गया फैसला, जानें क्या आया फैसला

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में मेडिकल प्रवेश परीक्षा में अनियमितताओं और कदाचार के आरोपों से संबंधित 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पेपर लीक हुआ है, इस पर कोई विवाद नहीं है, लेकिन कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है।

परीक्षा के परिणामों पर प्रभाव

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-दिल्ली (आईआईटी-दिल्ली) के निदेशक से अपने तीन बेहतरीन प्रोफेसरों को परीक्षा के भौतिकी के पेपर में एक पेचीदा और अस्पष्ट प्रश्न को 24 घंटे के भीतर हल करने और रिपोर्ट देने के लिए कहा। उनके उत्तर का प्रभाव चार लाख से अधिक अभ्यर्थियों के कुल अंकों पर पड़ेगा, जिनमें 44 छात्र भी शामिल हैं जिन्होंने परीक्षा में उत्तम अंक प्राप्त किए हैं।

रिकॉर्ड पर उपलब्ध आंकड़े और कोर्ट का निर्णय

कोर्ट के अनुसार, रिकॉर्ड पर उपलब्ध आंकड़े प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक होने का संकेत नहीं देते, जिससे परीक्षा की पवित्रता में व्यवधान उत्पन्न हुआ हो। सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा परीक्षा कराने और रिजल्ट रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वर्तमान स्थिति में, रिकॉर्ड में ऐसी कोई सामग्री नहीं है जो यह दर्शा सके कि परीक्षा के परिणाम दूषित थे या परीक्षा के संचालन में कोई प्रणालीगत उल्लंघन हुआ था।

पटना और हजारीबाग में लीक की पुष्टि

सीजेआई ने कहा कि पटना और हजारीबाग में पेपर लीक होने पर कोई विवाद नहीं है। हालांकि, यह लीक परीक्षा की समग्र वैधता और परिणामों पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं डालता। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि परीक्षा की प्रणाली और उसके संचालन में कोई बड़ी खामी नहीं पाई गई है।

इस प्रकार, सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा के आयोजन में किसी भी प्रणालीगत उल्लंघन को नकारते हुए पुनः परीक्षा कराने की मांग को खारिज कर दिया।

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