भारत के महान नेता और भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी का सम्मान भारतीय समाज में अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनके योगदान को नकारना या अपमानित करना न केवल उनके व्यक्तित्व का बल्कि समाज के समस्त दलित, पिछड़े और उपेक्षित वर्गों का अपमान है। हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहब के सम्मान में की गई अपमानजनक टिप्पणी ने पूरे देश में आक्रोश फैला दिया। इस बयान के विरोध में जिला कांग्रेस कमेटी ने अपने साथियों के साथ मिलकर जिला अध्यक्ष की अध्यक्षता में जिलाधिकारी कार्यालय पर ज्ञापन सौंपा। यह कदम बाबा साहब के सम्मान की रक्षा और उनके विचारों की संजीवनी के रूप में देखा गया।
बाबा साहब का महत्व

डॉ. भीमराव अंबेडकर भारतीय समाज के एक महान नेता और सामाजिक न्याय के पैरोकार थे। उन्होंने भारतीय समाज में व्याप्त जातिवाद, असमानता और भेदभाव के खिलाफ संघर्ष किया। भारतीय संविधान का निर्माण करके उन्होंने देश में समानता, स्वतंत्रता और भाईचारे का आदर्श प्रस्तुत किया। उनके कार्यों और उनके विचारों ने समाज के सबसे कमजोर वर्गों को न्याय दिलाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। ऐसे महान नेता का अपमान किसी भी रूप में सहन नहीं किया जा सकता है।
अमित शाह का बयान और उसका विरोध

हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बाबा साहब के योगदान पर विवादित बयान दिया था। इस बयान को व्यापक रूप से उनके अपमान के रूप में देखा गया। कांग्रेस पार्टी सहित विभिन्न समाजिक संगठनों और दलों ने इस बयान की कड़ी निंदा की। डॉ. अंबेडकर के प्रति यह अपमान भारतीय समाज के संवैधानिक मूल्यों और उनके द्वारा स्थापित समानता के सिद्धांतों पर सीधा आघात था।
कांग्रेस कमेटी का विरोध प्रदर्शन

इस अपमान के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व जिला कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष ने किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गज़ियाबाद के जिलाधिकारी कार्यालय तक मार्च किया और वहां पर एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में गृहमंत्री के बयान की निंदा की गई और उनसे माफी की मांग की गई।
ज्ञापन में क्या था?
ज्ञापन में सबसे पहले गृहमंत्री अमित शाह के बयान की आलोचना की गई और बाबा साहब के योगदान को नकारने की कड़ी निंदा की गई। इसमें कहा गया कि डॉ. अंबेडकर का सम्मान हर भारतीय का कर्तव्य है, और ऐसे बयान समाज में विद्वेष फैलाने का काम करते हैं। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि सरकार को अपने मंत्रियों के बयानों पर ध्यान देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि समाज में किसी भी रूप में असमानता और भेदभाव की कोई जगह न हो।
कांग्रेस का उद्देश्य
कांग्रेस पार्टी का उद्देश्य सिर्फ एक बयान के विरोध तक सीमित नहीं था, बल्कि यह एक बड़े सामाजिक आंदोलन का हिस्सा था। कांग्रेस पार्टी ने यह संदेश देने की कोशिश की कि डॉ. अंबेडकर के विचारों का अपमान करने का कोई भी प्रयास भारतीय संविधान की भावना का उल्लंघन है। पार्टी ने यह भी कहा कि वे बाबा साहब के विचारों को जीवित रखने के लिए सदैव संघर्ष करेंगे और समाज में समानता, स्वतंत्रता और भाईचारे की स्थापना के लिए काम करेंगे।
जनता की प्रतिक्रिया
कांग्रेस पार्टी का यह विरोध प्रदर्शन सिर्फ पार्टी के कार्यकर्ताओं तक सीमित नहीं रहा। इसे आम जनता का भी भरपूर समर्थन मिला। विशेषकर दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों ने इस आंदोलन को अपनी आवाज माना और कांग्रेस पार्टी के साथ इस विरोध में एकजुट होकर खड़े हुए। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा हुई, और लोगों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए गृहमंत्री के बयान की कड़ी निंदा की।
आगे की दिशा

कांग्रेस पार्टी का यह आंदोलन सिर्फ एक विरोध नहीं था, बल्कि यह एक चेतावनी भी थी। यह संदेश देने का प्रयास था कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान को कोई नकार नहीं सकता, और उनके विचारों का सम्मान हर भारतीय का कर्तव्य है। पार्टी ने यह भी कहा कि यदि सरकार इस तरह के बयानों पर कार्रवाई नहीं करती है, तो यह एक बड़ा सामाजिक संकट पैदा कर सकता है।
निष्कर्ष
बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान न केवल उनके योगदान का अपमान है, बल्कि यह समाज के प्रत्येक व्यक्ति के अधिकारों का उल्लंघन भी है। कांग्रेस पार्टी ने इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया कि बाबा साहब के विचारों और उनके योगदान का सम्मान किया जाएगा, और कोई भी ताकत उनके योगदान को नकारने या अपमानित करने में सफल नहीं हो सकती। यह विरोध प्रदर्शन एकजुटता, समानता और सामाजिक न्याय के प्रतीक के रूप में उभरा और समाज के हर वर्ग को यह संदेश दिया कि हम बाबा साहब के सपनों का भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
धन्यवाद!