बस्तर संभाग के प्रतिष्ठित पत्रकार और वेब पोर्टल “बस्तर जंक्शन” के संस्थापक मुकेश चंद्राकर की क्रूर हत्या ने देशभर के पत्रकारों को स्तब्ध कर दिया है। उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े पत्रकार इस घटना पर आक्रोश और शोक प्रकट कर रहे हैं।
घटना ने उजागर की सुरक्षा की कमी
मुकेश चंद्राकर की हत्या को भ्रष्ट राजनीतिज्ञों, प्रशासन और आपराधिक तत्वों के संगठित गठजोड़ का परिणाम बताया जा रहा है। पत्रकारों का कहना है कि देशभर में पत्रकारों के खिलाफ बढ़ती घटनाएं उनके कार्यस्थल पर असुरक्षा को दर्शाती हैं। ऐसी घटनाएं लोकतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता पर सीधा प्रहार हैं।
लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला

स्थानीय पत्रकारों ने जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन देते हुए कहा कि मजबूत लोकतंत्र की नींव निडर और पारदर्शी पत्रकारिता है। पत्रकारिता को संविधान का चौथा स्तंभ माना जाता है, और इस पर हमला पूरे लोकतंत्र को कमजोर करता है।
ज्ञापन में उठाई गई मांगे

बस्ती के पत्रकारों ने मुकेश चंद्राकर की हत्या पर निम्न मांगे रखी हैं:
- हत्या के आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी हो और फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए उन्हें सजा दी जाए।
- हत्या में शामिल व्यक्तियों के आय के स्रोत और अवैध गठजोड़ की जांच कर दोषियों को दंडित किया जाए।
- शहीद पत्रकार के परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवजा और एक सदस्य को स्थायी नौकरी दी जाए।
- स्थानीय स्तर पर पत्रकार उत्पीड़न की शिकायतों का प्राथमिकता से निस्तारण हो।
शहीद साथी को श्रद्धांजलि
पत्रकारों ने नम आंखों से मुकेश चंद्राकर को श्रद्धांजलि अर्पित की और महामहिम से अपील की कि वे इस घटना का संज्ञान लें। पत्रकारों का मानना है कि त्वरित कार्रवाई से पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा और लोकतंत्र की मजबूती बनी रहेगी।
यह घटना एक बार फिर सवाल खड़ा करती है कि निडर पत्रकारिता को सुरक्षा कब मिलेगी और लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कितने सुरक्षित हाथों में है।