आईटी सेक्रेटरी एस. कृष्णन ने कहा कि अभी तक सोशल मीडिया पर बच्चों के लिए पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं आया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर फिलहाल चर्चा नहीं हुई है। उनका कहना था कि सरकार बच्चों को सोशल मीडिया से होने वाले नुकसान को रोकने के उपायों पर विचार कर रही है, लेकिन पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की बात नहीं है।
2. ऑस्ट्रेलिया जैसे मॉडल पर विचार
सरकार ने ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के मॉडल को ध्यान में रखते हुए बच्चों के सोशल मीडिया उपयोग के लिए सख्त कदम उठाने की योजना बनाई है। प्रतिबंध लगाने के बजाय, सरकार एक ऐसा तरीका अपनाने पर विचार कर रही है, जिससे बच्चे सुरक्षित तरीके से सोशल मीडिया का उपयोग कर सकें।
3. माता-पिता की अनुमति होगी अनिवार्य
आईटी सेक्रेटरी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में बताया कि सरकार एक नया नियम लाने की योजना बना रही है। इस नियम के तहत, बच्चों को सोशल मीडिया अकाउंट बनाने से पहले अपने माता-पिता से लिखित अनुमति लेनी होगी। इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बच्चे बिना किसी खतरे के सोशल मीडिया का उपयोग कर सकें और उनके डिजिटल सुरक्षा की जिम्मेदारी माता-पिता के साथ साझा की जा सके।
4. बच्चों की सुरक्षा के लिए सरकार की प्राथमिकता

सरकार का यह कदम बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है। इस पहल का उद्देश्य बच्चों को सोशल मीडिया के खतरों से बचाना है और उन्हें एक सुरक्षित डिजिटल अनुभव प्रदान करना है।
5. निष्कर्ष
सरकार का ध्यान सोशल मीडिया पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के बजाय बच्चों को सुरक्षित रखने वाले ठोस उपायों को लागू करने पर है। यह कदम न केवल बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देगा, बल्कि समाज में जिम्मेदारीपूर्ण डिजिटल व्यवहार को भी बढ़ावा देगा।